Jabalpur News: सड़क किनारे हुआ महिला का अंतिम संस्कार, 30 साल से नहीं बना मुक्तिधाम

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जिले के छपरा गांव में एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही का दर्दनाक उदाहरण सामने आया है। गांव में मुक्तिधाम (श्मशानघाट) न होने के कारण 23 वर्षीय महिला का अंतिम संस्कार सड़क किनारे करना पड़ा। महिला की मौत दो दिन पहले सर्पदंश से हो गई थी। परिजनों को जब गांव में अंतिम संस्कार के लिए कोई स्थायी स्थान नहीं मिला, तो ग्रामीणों के साथ मिलकर सड़क किनारे लकड़ियां इकट्ठा की गईं और वहीं अंतिम संस्कार किया गया।

वीडियो सामने आने पर जागा प्रशासन

इस घटना का वीडियो मंगलवार को सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक गहलोत ने जनपद सीईओ शहपुरा को मामले की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है और यह जांच की जाएगी कि अब तक मुक्तिधाम क्यों नहीं बनाया गया और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

30 सालों से बदहाल स्थिति, गांववाले मजबूर

छपरा गांव की आबादी 500 से ज्यादा है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यहां पिछले 30 सालों से श्मशानघाट नहीं है। गांव के बुजुर्ग मंगू चौधरी ने बताया कि वह 50 वर्ष के हैं और जब से उन्होंने होश संभाला, तब से यही देख रहे हैं कि गांव में शवों का अंतिम संस्कार खेतों या सड़क किनारे किया जाता है।

ग्रामीण मोनू अहिरवार ने बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ है, पहले भी इसी तरह कई शवों का अंतिम संस्कार सड़क के किनारे या खेतों में किया गया है। लोगों ने सरपंच और सचिव से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

अब जमीन चिन्हांकन 

जिला पंचायत सीईओ ने जानकारी दी कि श्मशानघाट के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। वहीं ग्रामीणों को उम्मीद है कि अब प्रशासन गंभीरता दिखाएगा और वर्षों पुरानी इस गंभीर समस्या का समाधान निकालेगा।

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