दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। स्वतंत्रता दिवस का जश्न इस बार नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में बंद 12 कैदियों के लिए जीवनभर यादगार बनने वाला है। जेल में वर्षों से सजा काट रहे इन कैदियों को उनके अच्छे आचरण के चलते सरकार की ओर से सजामाफी दी गई है। आदेश के मुताबिक, आगामी 15 अगस्त को इन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा। रिहाई की सूची में एक महिला कैदी का नाम भी शामिल है।कई जिलों के बंदी पाए गए पात्र
केंद्रीय जेल के उप अधीक्षक मदन कमलेश ने बताया कि सजामाफी की सूची में डिंडौरी, सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों के कैदी शामिल हैं। इनमें डिंडौरी के केवल बैगा, जनकर पुसाम, शिवचरण गोंड़, रंगीलाल गौड़; नरसिंहपुर के गुरुदयाल कोरी उर्फ गुड्डा; सिवनी के अशफाक खान; महिला बंदी हर्षलता उर्फ मुस्कान; कटनी के महेंद्र सिंह, रमेश तिवारी उर्फ भैयाजी, वीरेंद्र तिवारी उर्फ खोख्खल; छिंदवाड़ा के ज्ञानी चंद्रवंशी और बालाघाट के अरविंद महार उर्फ कालू शामिल हैं।
बेहतर आचरण का मिला पुरस्कार
जेल प्रशासन के अनुसार, इन बंदियों ने अपनी सजा के दौरान जेल में अनुशासन, सहयोग और सुधारात्मक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी दिखाई। इसी के चलते सरकार ने इन्हें समयपूर्व रिहाई का अवसर दिया है।
15 अगस्त की सुबह, जब तिरंगा लहराएगा, तब इन 12 बंदियों के लिए सलाखों के पार आज़ादी का नया सूरज उग रहा होगा।
15 अगस्त की सुबह, जब तिरंगा लहराएगा, तब इन 12 बंदियों के लिए सलाखों के पार आज़ादी का नया सूरज उग रहा होगा।