आरोपी के खिलाफ अब तक चार राज्यों में 10 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अकेले रायपुर में ही व्यापारी से 9.33 करोड़ रुपये की ठगी सामने आई है।
इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब जगदलपुर निवासी व्यापारी मोहित चावड़ा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि अनिल राय और उसके मैनेजर राहुल चौहान ने उनसे 209 टन पिग आयरन की डील करवाई और 64 लाख 51 हजार रुपये की अग्रिम राशि ले ली। आरोपियों ने यह माल हैदराबाद की एमपीएल कंपनी को पहुंचा तो दिया, लेकिन भुगतान खुद रख लिया। व्यापारी को जब ठगी का एहसास हुआ, तब तक आरोपी फरार हो चुका था।
बस्तर पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि यह मामला केवल एक व्यापारी तक सीमित नहीं है। अनिल राय ने रायपुर, दुर्ग, औरंगाबाद, पटना, लखनऊ और नोएडा के व्यापारियों के साथ भी इसी तरह की फर्जी डील कर करोड़ों की रकम ऐंठ ली। हर बार वह एक ही पैटर्न अपनाता पिग आयरन की सप्लाई का झांसा देकर अग्रिम राशि लेना और फिर माल पहुंचाकर पैसे खुद रख लेना।
ठगी को अंजाम देने के बाद अनिल राय लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। पुलिस की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उसे इंदौर से गिरफ्तार किया। फिलहाल आरोपी से गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस को शक है कि इस गैंग में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं और यह नेटवर्क औद्योगिक आपूर्ति की आड़ में कई और व्यापारियों को निशाना बना चुका है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के संपर्क में रहे अन्य व्यापारियों से संपर्क किया जा रहा है। संभावना है कि देश के अन्य राज्यों में भी कई व्यापारी इस गिरोह के शिकार हुए हों। पुलिस अब आर्थिक अपराध शाखा के साथ समन्वय कर इस मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।