दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की मुस्तैदी और तत्परता ने सात मासूम बच्चों की जिंदगी को नई राह दी है। आज रविवार को जबलपुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ टीम ने ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत 5 से 15 वर्ष की उम्र के सात बच्चों को भीख मांगते और असहाय हालत में घूमते हुए रेस्क्यू किया। सभी बच्चों को आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर बाल कल्याण समिति (CWC) के सुपुर्द कर दिया गया है।
गश्त के दौरान मिली मासूमों की टोली
आरपीएफ टीम में सहायक उपनिरीक्षक धीरज कुमार, आरक्षक अरुण यादव और महिला आरक्षक सोनम रघुवंशी शामिल थे। टीम जब स्टेशन परिसर में अपनी नियमित गश्त कर रही थी, तभी उनकी नजर प्लेटफार्म पर भीख मांग रहे बच्चों पर पड़ी। बच्चों की स्थिति दयनीय थी और वे बिना किसी अभिभावक के इधर-उधर भटक रहे थे। टीम ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए सभी बच्चों को अपनी सुरक्षा में लिया और पूछताछ शुरू की।
इटारसी नर्मदापुरम जिले से हैं बच्चे
पूछताछ में सामने आया कि ये सभी बच्चे इटारसी नर्मदापुरम जिले के निवासी हैं। इनमें पांच लड़के और दो लड़कियां शामिल थीं। उम्र महज 5 साल से लेकर 15 साल तक थी। बच्चों की नाजुक स्थिति को देखते हुए सबसे पहले उन्हें चिकित्सकीय जांच के लिए भेजा गया ताकि उनके स्वास्थ्य का आकलन किया जा सके।
बालगृहों में सुरक्षित ठहराव
सभी आवश्यक औपचारिकताओं और मेडिकल जांच के बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति (CWC) के सामने पेश किया गया। समिति के आदेशानुसार दो लड़कों को शासकीय बाल गृह गोकलपुर में भेजा गया, चार लड़कियों को विजय नगर स्थित लाडली बसेरा बालिका गृह में सुरक्षित रखा गया और जबकि एक अन्य लड़के को रेलवे स्टेशन के पास स्थित जागृति केंद्र में सुपुर्द किया गया।
‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ का उद्देश्य
आरपीएफ का यह विशेष अभियान रेलवे परिसरों में पाए जाने वाले असहाय, लापता और निराश्रित बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर चलाया जा रहा है। इसके तहत ऐसे बच्चों को बचाकर न केवल उनके शोषण और अपराध की दुनिया से दूर किया जाता है, बल्कि उन्हें पुनर्वास और उज्ज्वल भविष्य का अवसर भी दिया जाता है।