MP News: गर्ल्स हॉस्टल से रहस्यमयी ढंग से लापता छात्राएं मैहर से बरामद

दैनिक सांध्य बन्धु उमरिया। 
जिले के पाली थाना क्षेत्र नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या छात्रावास में उस समय हड़कंप मच गया था। जब यहां से रविवार सुबह पांच छात्राएं अचानक लापता हो गईं थी। मामले की गंभीरता समझते ही जिला प्रशासन और पुलिस एक्टिव हो गई। उन्होंने बच्चियों की तलाश शुरू करते ही आसपास के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया। पुलिस की तत्परता का परिणाम रहा कि कुछ ही घंटों की सर्चिंग में बच्चियों को सकुशल तलाश लिया गया है। वहीं, परिजनों की शिकायत पर पाली थाना पुलिस ने बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी।

दरअसल, हॉस्टल से गायब हुई छात्राओं में से एक छात्रा ने अपने घर खत भेजा था। उसमें उसने लिखा कि अब मैं कुछ बनकर ही लौटूंगी। जांच के दौरान यह पत्र मिलते ही पुलिस और एक्टिव हो गई। करीब 12 घंटे की सर्चिंग के बाद उन्हें मैहर से सकुशल वापस ला लिया।

एसपी निवेदिता नायडू ने बताया कि हमारी पहली प्राथमिकता बच्चियों को सुरक्षित घर वापस लाना थी। सूचना मिलते ही पुलिस टीमों को सक्रिय किया गया। सहेलियों से पूछताछ की गई, कस्बे में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया और सीमावर्ती जिलों के साथ-साथ रेलवे पुलिस को भी अलर्ट किया गया। सभी के प्रयासों से 12 घंटे के भीतर सभी बालिकाएं जिला मैहर से सकुशल बरामद कर ली गई हैं।

बालिकाओं की हो रही काउंसलिंग

डीपीसी केके डेहरिया ने बताया कि सभी बच्चियां अभी हमारे ऑफिस में हैं और उनके परिजन भी हैं। उनकी काउंसलिंग की जा रही है। उसके बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जायेगा, बच्चियां थकी हुई हैं। इसलिए उनके परिजनों के कहने पर सात दिन के लिये उनको छुट्टी दी जा रही है। साथ ही वार्डन अर्चना मराबी को निलंबित कर दिया गया है और उनके विरुद्ध जांच की जा रही है।

हॉस्टल वार्डन निलंबित

भले ही पुलिस ने छात्राओं को सकुशल वापस ला लिया है। हालांकि घटना में लापरवाही सामने आने पर हॉस्टल वार्डन अर्चना सिंह को निलंबित कर दिया गया है। घटना के समय वे स्वास्थ्य समस्या के चलते जबलपुर गई थीं। उनकी अनुपस्थिति में सारिका शर्मा प्रभार संभाले थीं। घटना के बाद प्रशासन ने इस मामले की हाई लेवल जांच के आदेश भी दिए हैं।गौरतलब है कि कई वर्षों से लगातार अर्चना मराबी के पास तीन हॉस्टलों का प्रभार था। इसमें से कस्तूरबा आश्रम का प्रभार इन्ही लापरवाहियों के चलते छीन लिया गया था। उनकी लापरवाहियां समय-समय पर उजागर भी होती रही है। उसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी भी उनके पास 100 सीटर बालिका उत्कृष्ट छात्रावास का प्रभार है।

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