Jabalpur News: फर्जी दस्तावेजों पर रह रहे अफगान नागरिकों की तलाश में ATS फिर सक्रिय, अफगानी नागरिक सोहबत खान से पूछताछ के बाद जांच का दायरा बढ़ा

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। छोटी ओमती क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पिछले 10 साल से भारतीय पासपोर्ट लेकर रह रहे अफगानी नागरिक सोहबत खान की गिरफ्तारी के बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है। पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर एटीएस को आशंका है कि शहर में और भी अफगानी युवक फर्जी पहचान बनाकर रह रहे हैं।

1 अगस्त को पकड़े गए सोहबत खान से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि वह पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में रह रहे अपने अफगानी साथियों के लिए भी जबलपुर के फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवा रहा था। शुरुआती जांच में एक दर्जन से अधिक अफगानी युवकों के नाम सामने आए हैं, जिनके दस्तावेज संदिग्ध बताए जा रहे हैं।

सोहबत खान ने न केवल फर्जी दस्तावेजों पर 2015 में ड्राइविंग लाइसेंस और 2020 में भारतीय पासपोर्ट बनवाया, बल्कि जबलपुर में रहते हुए एक युवती से निकाह भी किया। मामले में एटीएस ने दस्तावेज तैयार करने, पुलिस वेरिफिकेशन और पोस्ट ऑफिस से फर्जी पते वाले पासपोर्ट दिलवाने में मदद करने वालों की भी भूमिका की जांच की। इस सिलसिले में सोहबत खान के साथ दिनेश गर्ग, महेंद्र कुमार सुखदन और चंदन सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

पहले भी जबलपुर में हुई थी एटीएस की कार्रवाई

याद रहे कि एटीएस इससे पहले भी जबलपुर में सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के नेटवर्क को ध्वस्त कर चुकी है। अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी और जबलपुर निवासी सिमी के खजांची मोहम्मद अली को 2008 में गिरफ्तार किया गया था। उसने 2003 से 2008 के बीच शहर और आसपास के जिलों में सैकड़ों युवकों को संगठन से जोड़कर नेटवर्क खड़ा किया था।

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