Jabalpur News: सोना मिलने की खबरों पर बोले GSI के महानिदेशक आशित साहा - अभी सिर्फ शुरुआती सर्वे, खदान की पुष्टि नहीं , सिहोरा के बेला और बिनैका गांव में चल रहा है सैंपल सर्वेक्षण

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सिहोरा तहसील के बेला और बिनैका गांव में सोना मिलने की खबरों पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने स्थिति स्पष्ट की है। GSI के महानिदेशक आशित साहा ने बताया कि अभी सिर्फ शुरुआती सर्वेक्षण चल रहा है, खदान या डिपॉजिट की पुष्टि करना जल्दबाजी होगी।

उन्होंने कहा, "गोल्ड हर जगह मिलता है, लेकिन माइनिंग लायक डिपॉजिट की पुष्टि के लिए लंबी और वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है।" यह जानकारी उन्होंने जबलपुर में आयोजित "क्रिटिकल मिनरल्स – एक्सप्लोरेशन एंड एक्सप्लॉइटेशन" विषय पर एक दिवसीय सेमिनार में मीडिया से चर्चा करते हुए दी।

साहा ने स्पष्ट किया कि 100 हेक्टेयर में सोना मिलने की खबर फिलहाल गलत है। GSI क्षेत्र से सैंपल ले रहा है, जिसकी जांच के बाद ही यह तय हो सकेगा कि वहां खनन लायक सोने का भंडार है या नहीं।

GSI प्रमुख ने बताया कि पूरे देश में 450 और मध्यप्रदेश में 40 खनन सर्वेक्षण प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि "मध्यप्रदेश में अब तक सबसे अधिक ग्रेफाइट की पहचान हुई है, जिसका टेंडर जारी किया जा चुका है।" इसके अलावा झाबुआ क्षेत्र में फास्फोरस की उपस्थिति की भी पुष्टि हुई है।

GSI डायरेक्टर ने बताया कि प्रत्येक संभावित क्षेत्र में पहले सैंपलिंग की जाती है, फिर उसकी वैज्ञानिक जांच होती है। इसके बाद ही तय किया जाता है कि उस क्षेत्र में माइनिंग की संभावना है या नहीं।

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