दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक वकील द्वारा अदालत की गरिमा के खिलाफ आचरण पर सख्त रवैया अपनाते हुए ₹10,000 का जुर्माना लगाया है। यह मामला उस समय सामने आया जब एक वकील ने अपनी कार में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में बहस की। हाईकोर्ट ने इसे "न्यायालय की मर्यादा के प्रतिकूल" करार देते हुए सख्त टिप्पणी की और हिदायत दी कि भविष्य में ऐसी अनुशासनहीनता दोबारा न हो।
यह मामला भोपाल स्थित एक निजी फर्म द्वारा इनकम टैक्स के खिलाफ वर्ष 2020 में दायर याचिका से जुड़ा था। शुक्रवार को जब इस याचिका पर सुनवाई हुई, तो संबंधित वकील कार में बैठकर वीडियो कॉल से शामिल हुआ और पूरी बहस वहीं से की। यह देख जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई।
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उन वकीलों के लिए दी गई है, जो किसी अवश्यक कारणवश भौतिक रूप से कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते। इसका यह अर्थ कतई नहीं कि कोई भी वकील सड़क पर, कार में या कहीं भी बैठकर बहस करे, जिससे अदालत की गंभीरता प्रभावित हो।
जुर्माना विधिक सेवा समिति को जमा करना होगा
कोर्ट ने आदेश दिया कि वकील को ₹10,000 की राशि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के खाते में जमा करनी होगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह जुर्माना वापस नहीं किया जाएगा।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रियाओं की मर्यादा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले गुजरात हाईकोर्ट में एक व्यक्ति टॉयलेट में बैठकर ऑनलाइन सुनवाई में शामिल हुआ था, जिस पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया था।