दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में हुक्का बार का अवैध कारोबार एक बार फिर तेज़ी से फलने-फूलने लगा है। भले ही प्रदेश सरकार ने हुक्का के सेवन और कारोबार पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन जबलपुर शहर की हकीकत यह है कि शायद ही कोई इलाका बचा हो जहां हुक्का बार चोरी-छिपे न चल रहा हो। पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बाद कुछ समय के लिए यह कारोबार थम जरूर गया था, लेकिन अब एक बार फिर से युवाओं और किशोरों के बीच हुक्के की लत खतरनाक तरीके से पैर पसार रही है।
पुलिस की ढील, कारोबारियों के हौसले बुलंद
करीब छह माह पहले पुलिस ने शहर के कई हुक्का बार पर बड़ी छापेमारी की थी। इस दौरान बड़ी संख्या में हुक्का, फ्लेवर और अन्य सामग्री जब्त की गई थी। कार्रवाई के बाद कुछ समय के लिए हुक्का बारों पर ताले लटक गए, लेकिन पुलिस की सख्ती ढीली पड़ते ही संचालक दोबारा सक्रिय हो गए। हालात यह हैं कि आज शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 20 हुक्का बार बेखौफ तरीके से संचालित हो रहे हैं।
रिहायशी कॉलोनियों में भी हुक्का बार
होटल, रेस्टोरेंट और पब के अलावा अब रिहायशी कॉलोनियों के आसपास भी हुक्का बार खुल गए हैं। इन जगहों पर दिन-रात सैकड़ों युवा हुक्का पीते दिखाई देते हैं। न केवल कॉलेज स्टूडेंट बल्कि नाबालिग और किशोर भी आसानी से इन बारों में पहुंचकर नशे का हिस्सा बन रहे हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि नाबालिग बच्चों के स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।
50 रुपये में चिलम, फ्लेवर की भरमार
हुक्का बारों में युवाओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के फ्लेवर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एक चिलम की कीमत 50 रुपये रखी गई है। कई बार जाने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि अधिकांश स्टूडेंट्स एक बार में दो-दो चिलम तक पी जाते हैं। यह कारोबार इतना संगठित है कि सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक इन जगहों पर नशेड़ियों की भारी भीड़ लगी रहती है।
रसूख के बल पर चल रहा कारोबार
शहर के सदर, गोरखपुर, सिविक सेंटर, विजयनगर, अधारताल, ग्वारीघाट रोड, बेलबाग और हनुमानताल क्षेत्रों में खुलेआम हुक्का बार संचालित हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से कई बार बिना लाइसेंस के हैं और पूरी तरह से राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख के सहारे चल रहे हैं। यही वजह है कि लगातार शिकायतों के बावजूद न तो पुलिस कोई कार्रवाई कर रही है और न ही जिला प्रशासन इस पर रोक लगा पा रहा है।
युवाओं का बिगड़ता भविष्य
हुक्के की लत बड़े-बड़े घरों के युवक-युवतियों से लेकर साधारण परिवारों के किशोरों तक को अपनी गिरफ्त में ले रही है। नशे की यह आदत न केवल उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है बल्कि पढ़ाई और करियर पर भी नकारात्मक असर डाल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि हुक्के का सेवन कई गंभीर बीमारियों की जड़ है और नाबालिगों में इसकी लत समाज के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।