दैनिक सांध्य बन्धु नर्मदापुरम। तवा नदी के बैकवॉटर में मृत मिला बाघ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) का ही था। विभागीय रिकॉर्ड में टी-35 और कर्मचारियों के बीच ‘रावण-2’ नाम से पहचाने जाने वाले इस 13 साल पुराने बाघ की शिकारियों ने क्लच वायर का फंदा डालकर हत्या कर दी और उसका एक पंजा काटकर ले गए।
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने पुष्टि की कि बाघ STR का था, लेकिन अब तक शिकार की सही जगह और शिकारी का सुराग नहीं मिला है। विभाग ने घोषणा की है कि पुख्ता सूचना देने वाले को 25 हजार रुपए इनाम दिया जाएगा।
पहली बार बाघ का शव बढ़-चापड़ा गांव के मछुआरे साधुराम उर्फ घोटे ने देखा था, लेकिन डर के कारण किसी को नहीं बताया। बाद में पूछताछ में उसने इस बात को स्वीकार किया।
जांच के बाद बाघ के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया और शुक्रवार देर रात हिरण चापड़ा नर्सरी में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, बुजुर्ग होने के कारण यह बाघ STR के बफर और वन विकास निगम क्षेत्र में रह रहा था। उसकी सुरक्षा और निगरानी में लापरवाही का फायदा उठाकर शिकारी आसानी से उसे मारकर फरार हो गए।
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