Jabalpur News: ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ आदेश की पंपों पर अनदेखी, पंप पर बोतल में दिया जा रहा पेट्रोल, 10 रुपए किराए पर हेलमेट ले रहे वाहन चालक ; देखे वीडियो

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ते आंकड़ों को रोकने और लोगों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कलेक्टर दीपक सक्सेना ने हाल ही में ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ नियम लागू किया था। इसका मकसद साफ था—बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा, ताकि वे अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक हों और सड़क हादसों में मौतों की संख्या कम हो। लेकिन हकीकत में इस नियम का पालन आधा-अधूरा ही हो रहा है, और कई पेट्रोल पंपों पर इसकी खुली अवहेलना देखने को मिल रही है।

नियम तोड़ने के नए-नए तरीके

जबलपुर के रानीताल स्थित इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप पर तो नियमों को दरकिनार करने का एक अजीब तरीका अपनाया जा रहा है। यहां बिना हेलमेट आए लोगों को 10 रुपए में हेलमेट किराए पर दिया जा रहा है। पेट्रोल भरवाते समय वाहन चालक यह हेलमेट पहनते हैं और काम होते ही वापस कर देते हैं। 

बोतल में पेट्रोल – खतरे को न्योता

खमरिया स्थित इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप पर तो स्थिति और भी गंभीर है। यहां न केवल बिना हेलमेट के पेट्रोल दिया जा रहा है, बल्कि बोतल में भी पेट्रोल बेचा जा रहा है। पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थ को बोतल में भरना बेहद खतरनाक है, क्योंकि इससे किसी भी समय आगजनी की घटना हो सकती है। पेट्रोलियम नियमों के तहत यह पूरी तरह प्रतिबंधित है।

लोग क्यों नहीं ले रहे नियम को गंभीरता से?

जबलपुर में कई बाइक सवार अब भी हेलमेट को केवल कानूनी औपचारिकता मानते हैं। किराए का हेलमेट पहनना या हेलमेट को हाथ में लेकर चलना, यह दर्शाता है कि वे अपनी सुरक्षा से ज्यादा चालान और नियम से बचने की सोच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क सुरक्षा केवल कानून से नहीं, बल्कि मानसिकता में बदलाव से आएगी।

जरूरत है सख्ती और जागरूकता की

‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ जैसी मुहिम तभी सफल होगी जब पेट्रोल पंप संचालक नियम का पूरी तरह पालन करें और प्रशासन समय-समय पर जांच करे। साथ ही, लोगों में यह भावना जगानी होगी कि हेलमेट उनका “जीवन कवच” है, न कि केवल चालान से बचने का साधन।

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