दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। प्रदेश में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों के विभाजन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को राजस्व अधिकारियों ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्य का बहिष्कार किया और अपने-अपने सरकारी वाहन कलेक्ट्रेट कार्यालय में खड़े कर उनकी चाबियां भंडार शाखा को सौंप दीं। यह विरोध मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के आह्वान पर किया गया, जिसमें जबलपुर समेत कई जिलों के अधिकारी शामिल हुए।
राजस्व अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष शशांक दुबे ने बताया कि सरकार द्वारा लागू की जा रही नई कार्य प्रणाली से अधिकारी नाखुश हैं। इस नीति के तहत राजस्व अधिकारियों को न्यायिक और कार्यपालिक (गैर-न्यायिक) कार्यों में बांटा जा रहा है, जिससे लगभग 45% अधिकारी अपने मूल राजस्व कार्यों से वंचित हो जाएंगे। उनका कहना है कि अधिकारी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में भर्ती नहीं हुए थे, उनकी नियुक्ति मूलतः राजस्व कार्यों के लिए हुई थी।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अब तक तहसीलदार न्यायालयीन कार्यों के साथ-साथ कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी भी संभालते थे, लेकिन सरकार के नए आदेशों से यह कार्य अब दो अलग-अलग अधिकारियों को सौंपा जा रहा है। इसे अधिकारियों ने अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि जब तक यह निर्णय वापस नहीं लिया जाता, वे आपदा प्रबंधन को छोड़कर सभी शासकीय कार्यों से दूर रहेंगे।
इस मामले में जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि तहसीलदारों ने कार्य करने से इनकार कर दिया है और अपनी सरकारी गाड़ियां भी जमा कर दी हैं। उन्होंने अपनी आपत्तियां लिखित में दी हैं, जिसे राज्य शासन को भेजा जा चुका है। शासन स्तर पर इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
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