दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। राज्य शासन के निर्देशानुसार जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने जबलपुर जिले में पराली (नरवाई) जलाने की घटनाओं को रोकने जिला स्तरीय, खंड स्तरीय एवं ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया है। इस बारे में आदेश भी जारी कर दिये गये है।
आदेश के मुताबिक ग्यारह सदस्यों की जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर होंगे। समिति में वन मंडल अधिकारी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, उप संचालक उद्यानिकी, उप संचालक पशु चिकित्सा, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र, क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, परियोजना संचालक आत्मा एवं सहायक कृषि यंत्री कृषि अभियांत्रिकी को सदस्य नियुक्त किया गया है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य सचिव होंगे।
पराली जलाने की घटनाओं को रोकने गठित खंड स्तरीय निगरानी समितियों में नौ सदस्यों को शामिल किया गया है। संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खंड स्तरीय निगरानी समिति के अध्यक्ष होंगे। खंड स्तरीय निगरानी समितियों में अनुविभागीय वन मंडल अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक पशु चिकित्सा शल्यज्ञ अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी एवं बीटीएम आत्मा समिति के सदस्य होंगे। अनुभागीय कृषि अधिकारी को खंड स्तरीय निगरानी समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है।
इसी प्रकार नरवाई जलाने से रोकने गठित की गई ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी समितियों का संबंधित क्षेत्र के पटवारी को अध्यक्ष बनाया गया है। सात सदस्यों की ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी समिति में कृषि विस्तार अधिकारी, ग्राम उद्यान विस्तार अधिकारी, सहायक पशु चिकित्सा फील्ड अधिकारी, एटीएम आत्मा, पंचायत सचिव अथवा रोजगार सहायक एवं ग्राम कोटवार ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी समितियों के सदस्य होंगे।
जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जिला स्तरीय, विकासखंड स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों के दायित्व भी निर्धारित किये गये हैं। जिला स्तरीय समिति फसल अवशेषों को खेतों में जलाने से रोकने, पराली से नए रोजगार स्थापित करने, कृषकों में जागरूकता लाने एवं पराली के वैकल्पिक उपयोग को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। इसी प्रकार खंड स्तरीय निगरानी समितियां को उपरोक्त दायित्वों के साथ-साथ क्षेत्र में पराली में आग लगने जैसी घटनाएं पाए जाने पर तत्काल कार्यवाही करने की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि ग्राम स्तरीय समितियां फसल अवशेषों को खेतों में जलाने से रोकने, पराली से नए रोजगार स्थापित करने एवं कृषकों में जागरूकता लाने के साथ-साथ प्रत्येक ग्राम में फसल कटाई के समय सभी हार्वेस्टरों में स्ट्रॉ-मेनेजमेंट सिस्टम लगा होना सुनिश्चित करेंगी।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यदि किसी हार्वेस्टर में स्ट्रॉ-मेनेजमेंट सिस्टम न हो तथा किसी किसान द्वारा नरवाई में आग लगाई जाती है तो उसकी जानकारी मय छायाचित्रों सहित तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी की अनुशंसा पर अपर कलेक्टर द्वारा निर्धारित दंड अधिरोपित करने की कार्यवाही की जायेगी।