दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर/पनागर। "बेटे से बढ़कर होती हैं बेटियां"—यह कहावत पनागर में उस वक्त साकार हो उठी, जब जानी-मानी हस्ती और समाजसेवी श्री पदम मोदी की अंतिम यात्रा में उनकी चारों बेटियां अपने पिता की अर्थी को कंधा देती नजर आईं। यह मार्मिक दृश्य देखकर वहां मौजूद हर शख्स भावुक हो उठा और बेटियों के प्रति सम्मान से सर झुक गए।
पनागर निवासी पदम मोदी नगर के एक कुशल व्यापारी और समाजसेवी के रूप में जाने जाते थे। 12 सितंबर को वे अपनी पत्नी मनीषा मोदी और मित्रों के साथ तीर्थ राज सम्मेद शिखर यात्रा पर निकले थे। यात्रा के दौरान जब वे साष्टांग पर्वत पर पहुंचे, तभी अचानक गिर पड़े और वहीं उनका हृदयगति रुकने से निधन हो गया। यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे पनागर नगर और व्यापारिक समाज के लिए गहरा आघात लेकर आई।
बेटियों ने निभाया पुत्र धर्म
पदम मोदी ने अपनी चारों बेटियों—सुशीमा, मानसी, महिमा और परी—को ऐसे संस्कार दिए थे, जिन्होंने हर कदम पर यह साबित किया कि बेटियां भी पुत्र धर्म निभाने में पीछे नहीं रहतीं।
15 सितंबर को जब उनकी अंतिम यात्रा मुक्तिधाम के लिए निकली, तब एक अनोखा और भावुक दृश्य सामने आया। हजारों लोगों की भीड़ के बीच चारों बेटियों ने न केवल पिता की अर्थी को कंधा दिया, बल्कि पार्थिव शरीर को सिर पर उठाकर भी यात्रा में साथ चलीं। यह क्षण वहां मौजूद हर आंख को नम कर गया।
संस्कारों की मिसाल बनीं बेटियां
श्री पदम मोदी और उनकी पत्नी मनीषा मोदी ने हमेशा बेटियों को उच्च संस्कारों के साथ जीवन जीने की सीख दी थी। यही कारण रहा कि कठिन से कठिन घड़ी में भी बेटियों ने अपने पिता का साथ नहीं छोड़ा और पूरे साहस के साथ अंतिम यात्रा में अग्रणी रहीं।
इस अवसर पर नगरवासियों ने कहा कि यह दृश्य समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। जिस परंपरा को लंबे समय तक बेटों तक सीमित समझा गया, आज वही परंपरा बेटियों ने निभाकर समाज की सोच को नई दिशा दी है।
समाज हुआ भावुक
पनागर की इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि हर उस व्यक्ति को भावुक कर दिया, जिसने यह दृश्य देखा या सुना। अंतिम यात्रा में शामिल लोगों का कहना था कि "आज बेटियों ने यह साबित कर दिया कि माता-पिता के प्रति कर्तव्य निभाने में बेटियां किसी से कम नहीं हैं।"
अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
श्री पदम मोदी के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। समाजसेवी संगठनों, व्यापारी वर्ग और नगर की आम जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
