दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। बीना से विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ दायर दल-बदल याचिका पर अब 8 अक्टूबर को हाईकोर्ट की मुख्य खंडपीठ जबलपुर में सुनवाई होगी। मंगलवार को यह केस सुनवाई के लिए लगा था, लेकिन तकनीकी त्रुटि के चलते मामला दूसरी बेंच पर पहुंच गया। इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि केस को उचित बेंच में सूचीबद्ध किया जाए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 2023 में कांग्रेस के टिकट पर सागर जिले से विधायक बनीं निर्मला सप्रे अब भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। सिंघार का कहना है कि यह संविधान की भावना के खिलाफ है, इसलिए उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।
इंदौर खंडपीठ ने खारिज की थी याचिका
इससे पहले कांग्रेस ने इंदौर खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी, लेकिन जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच ने अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह मामला जबलपुर मुख्य पीठ में विचारणीय है। इसी आधार पर कांग्रेस ने अब जबलपुर में नई रिट याचिका दायर की है। यह याचिका 6 सितंबर को रजिस्टर्ड हुई थी।
इस याचिका में विधायक निर्मला सप्रे के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य सरकार को भी प्रतिवादी बनाया गया है। कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजने के बावजूद 90 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते अब अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
