दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर के शिवराजपुर बस्ती में शुक्रवार को माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया, जब पुलिस ने बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे लोगों को तत्काल बस्ती खाली करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई स्थानीय निवासियों की शिकायत के बाद हुई।
ग्वारीघाट थाने में दिए आवेदन में लोगों ने बताया कि बीते 2–3 वर्षों में बस्ती में बाहरी लोगों की संख्या 30–40 से बढ़कर 150–200 तक पहुंच गई है। आरोप लगाया गया कि ये लोग बस्ती का माहौल बिगाड़ रहे हैं, गंदगी फैला रहे हैं, सड़कों पर खाना पका रहे हैं और देर रात शोरगुल करते हैं। परेशान होकर कई स्थानीय निवासियों ने अपने घरों पर ‘मकान बेचना है’ तक लिख दिया।
पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यहां रहने वाले लोग बांग्लादेशी या रोहिंग्या नहीं, बल्कि भारतीय नागरिक हैं। वे मूल रूप से महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के रहने वाले हैं। पहले ये ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन के पास बसे थे, लेकिन रेलवे पटरी विस्थापन के दौरान हटाए जाने के बाद शिवराजपुर बस्ती में आकर रहने लगे।
हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र सेन ने बताया कि बस्ती में कुछ लोगों के पास पहचान पत्र मौजूद हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग बिना किसी वैध कागजात के रह रहे हैं। ऐसे परिवारों को तुरंत बस्ती खाली करने का आदेश दिया गया है। आदेश मिलते ही कई लोगों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया।
पुलिस के अनुसार, यहां रहने वाले लोग ज्यादातर दिहाड़ी मजदूरी और भीख मांगकर जीवनयापन करते हैं। जिन परिवारों के पास पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज हैं, उनकी वैधता की जांच की जा रही है।
