दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर के दो इंजीनियरिंग छात्रों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फैल रही फेक न्यूज, अफवाहों और धमकियों को रोकने के लिए अनोखा तकनीकी समाधान तैयार किया है।
ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट के छात्र हर्ष कुमार ने ‘अस्त्र AI’ नाम का एप्लिकेशन विकसित किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही देशविरोधी और धार्मिक रूप से आपत्तिजनक पोस्ट्स को शुरुआती स्तर पर पहचानकर तुरंत साइबर क्राइम सेल को अलर्ट भेजता है। हर्ष ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उन्हें साइबर सेल से मिली चुनौती के तहत मिला था। यह एप्लिकेशन स्वचालित रूप से कंटेंट डिटेक्ट करता है और तुरंत रिपोर्ट करता है।
वहीं, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर के छात्र आयुष ने ‘हॉक’ नाम की वेबसाइट बनाई है। यह प्लेटफॉर्म ट्विटर, टेलीग्राम और ईमेल पर आने वाले हिंसा या धमकी से जुड़े मैसेजेस को ट्रैक करता है। AI मॉडल की मदद से यह तय करता है कि संदेश कितना खतरनाक है। किसी गंभीर धमकी की स्थिति में ‘हॉक’ सीधे पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेज देता है।
इन दोनों प्रोजेक्ट्स का जबलपुर साइबर सेल ने परीक्षण भी किया। ट्रायल के दौरान भारत विरोधी टिप्पणियां पोस्ट की गईं, जिन्हें सिस्टम ने लाइव पहचान लिया। अब तक 100 से ज्यादा पोस्ट्स को सफलतापूर्वक ट्रैक किया जा चुका है और इसकी सटीकता 97.5% पाई गई है। खास बात यह है कि ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सार्वजनिक डेटा का इस्तेमाल करते हैं।
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की AI विभाग प्रमुख डॉ. आज्ञा मिश्रा ने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीकें समस्या नहीं, बल्कि समाधान बनकर सामने आई हैं और यह टेक्नोलॉजी के सकारात्मक उपयोग का उदाहरण हैं।
