दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नवरात्र की नवमी पर जबलपुर में पंजाबी दशहरा बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। यह परंपरा पिछले 73 सालों से लगातार जारी है और अब शहर की खास पहचान बन चुकी है।
गौरीघाट स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज मैदान में हजारों की भीड़ उमड़ी। यहां 75 फीट ऊंचे रावण और कुंभकर्ण के पुतलों का भव्य दहन किया गया। मुंबई से आए आतिशबाजों की आतिशबाजी और श्याम बैंड की धार्मिक धुनों ने पूरे माहौल को और अधिक रंगीन बना दिया।
इस आयोजन की सबसे खास बात यह है कि यहां रावण दहन दशहरा की बजाय नवमी के दिन होता है। इसे पंजाबी हिंदू संगठन ने शुरू किया था।
कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट, राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि और महापौर जगत बहादुर सिंह, नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए।तरुण भनोट ने कहा – “73 साल पहले जो परंपरा हमारे बुजुर्गों ने शुरू की थी, हम उसे निभा रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि मैदान में दर्शकों के लिए गैलरी बनाने हेतु उनकी सरकार ने 2.5 करोड़ रुपए मंजूर किए थे और भूमि पूजन भी हो चुका था, लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं हुआ है।
जबलपुर में पांच दिन तक चलने वाले दशहरा उत्सव की शुरुआत इसी पंजाबी दशहरा से होती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।

