Jabalpur News: IIITDM छात्र उत्कर्ष तिवारी मौत का मामला - 3 दिन बाद मोबाइल बरामद, घटना से पहले रातभर लड़की से बातचीत करता रहा युवक; परिजनों का आरोप – आत्महत्या नहीं, हत्या कर फेंका गया

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। ट्रिपल आईटीडीएम (IIITDM) जबलपुर में फर्स्ट ईयर के छात्र उत्कर्ष तिवारी की मौत के तीन दिन बाद बड़ा खुलासा हुआ है। कॉलेज हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिरे उत्कर्ष का मोबाइल आखिरकार बीडीएस टीम ने झाड़ियों से बरामद कर लिया। यह फोन टूटा हुआ मिला है और पुलिस ने जांच के लिए साइबर टीम को सौंप दिया है।

मोबाइल खोलेगा राज

29 सितंबर को हुई घटना के बाद से पुलिस मोबाइल की तलाश कर रही थी। चंद कदमों की दूरी पर टूटा हुआ मोबाइल मिला, जिससे यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इसे तुरंत क्यों नहीं ढूंढा जा सका। अब साइबर टीम यह जांच रही है कि उत्कर्ष ने आखिरी बार किससे और कितनी देर तक बातचीत की थी।

रातभर फोन पर बात, सुबह केवल एक घंटे की नींद

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उत्कर्ष उत्तरप्रदेश की एक लड़की से लगातार फोन पर बात करता था। घटना से पहले की रात उसने पूरी रात बातचीत की और सुबह केवल एक घंटे सोया। जिस दिन उसकी मौत हुई, उस दिन भी वह सुबह 9 बजे से कमरे से बाहर था और कुछ ही देर बाद उसकी गिरकर मौत हो गई।

परिजनों का आरोप – हत्या कर फेंका गया

जहां कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उत्कर्ष शिक्षा ऋण (Education Loan) को लेकर परेशान था, वहीं परिजनों का दावा है कि उत्कर्ष आत्महत्या नहीं कर सकता। उसके चाचा और चचेरे भाई ने साफ कहा कि एजुकेशन लोन स्वीकृत हो चुका था और फीस की कोई दिक्कत नहीं थी। परिजनों का आरोप है कि उसकी हत्या की गई और प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।

पुलिस की जांच जारी

रांझी सीएसपी सतीष साहू ने बताया कि साथी छात्रों से कई जानकारियां मिली हैं और मोबाइल नंबर की डिटेल खंगाली जा रही है। जिस लड़की से उत्कर्ष बात करता था, उसका नंबर बंद है लेकिन जल्द ही उसका पूरा कॉल रिकॉर्ड खंगाल लिया जाएगा।

मेडिकल कॉलेज की शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के अनुसार उत्कर्ष के शरीर की कई हड्डियां टूटी थीं और शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें थीं। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सही वजह स्पष्ट होगी।

यूपी का रहने वाला था उत्कर्ष

19 वर्षीय उत्कर्ष तिवारी मूल रूप से जौनपुर, उत्तरप्रदेश का रहने वाला था। वह महज एक माह पहले ही जबलपुर पढ़ाई के लिए आया था। परिवार ने कहा कि उसकी मौत ने उनके सपनों को तोड़ दिया है। पिता प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और घर वालों ने कभी फीस या पढ़ाई के लिए कमी नहीं आने दी थी।

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