दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। सिहोरा स्थित ग्राम घुघरा में औद्योगिक क्षेत्र वन्य प्राणियों के लिए मौत का जाल बनता जा रहा है। जहां पहले जंगली सुअरों के शिकार का मामला सामने आया था, वहीं अब उसी इस्पात फैक्ट्री के कैंपस में तेंदुए का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। मामला इतना गंभीर है कि वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और पूरी फैक्ट्री को घेरकर जांच शुरू कर दी गई है।
निसर्ग इस्पात फैक्ट्री में फिर हड़कंप
सिहोरा वन परिक्षेत्र के सरदा बीट के अंतर्गत आने वाले ग्राम घुघरा स्थित निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के कैंपस में शनिवार सुबह एक तेंदुए का शव झाड़ियों के बीच मिला।
सूचना मिलते ही वन मंडल अधिकारी (DFO) ऋषि मिश्रा, सिहोरा वन परिक्षेत्र अधिकारी और फॉरेस्ट की टीम मौके पर पहुंची। तेंदुए के शव की पुष्टि के बाद मौके को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
वन विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वॉड को बुलाया है, जो फैक्ट्री परिसर में सुराग तलाशेगा। शव को फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए नहीं उठाया गया है, ताकि पहले साक्ष्य सुरक्षित किए जा सकें।
पहले भी हुआ था वन्यजीव शिकार का खुलासा
यह वही फैक्ट्री है जहां 14 अक्टूबर को दो जंगली सुअरों के शिकार और उनके शवों को फैक्ट्री परिसर में दफनाने का मामला सामने आया था। तब जांच के दौरान फैक्ट्री के तीन कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई थी, जिन्हें जेल भेजा गया था। लेकिन विभागीय कार्रवाई वहीं ठंडी पड़ गई और फैक्ट्री को न सील किया गया, न ही पूरे कैंपस की खुदाई कराई गई।
250 एकड़ में फैला ‘शिकारियों का साम्राज्य’
निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड का क्षेत्र लगभग 250 एकड़ में फैला हुआ है। सूत्रों के अनुसार, फैक्ट्री के भीतर कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से शिकारियों का पूरा नेटवर्क सक्रिय है।
कैंपस के भीतर ही जंगल से भटककर आने वाले वन्य जीवों का शिकार किया जाता है, और उनका मांस प्लांट परिसर में ही खाया जाता है। यह भी बताया जा रहा है कि कई बार फैक्ट्री के भीतर मांस पार्टी जैसी घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इसकी भनक विभाग तक नहीं पहुंच पाई।
वन विभाग ने घेरा फैक्ट्री परिसर
तेंदुए का शव मिलने के बाद अब वन विभाग पूरे निसर्ग इस्पात कैंपस की सर्चिंग करेगा। डीएफओ ऋषि मिश्रा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि फैक्ट्री के भीतर तेंदुआ मृत अवस्था में पड़ा है। मौके पर जांच टीम भेजी गई और शव की पुष्टि हुई। चूंकि पूर्व में भी यहां शिकार की घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए इस बार जांच अत्यंत गंभीरता से की जा रही है। डॉग स्क्वॉड की मदद से हर हिस्से की तलाशी ली जाएगी।
सीलिंग और खुदाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग से मांग की है कि निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड को तुरंत सील कर पूर्ण जांच की जाए। साथ ही, यह भी जांच की जाए कि कैंपस में कहीं अन्य वन्य प्राणियों के शव तो नहीं दफनाए गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि “फैक्ट्री के नाम पर यहां कई वर्षों से अवैध शिकार किया जा रहा है, और संबंधित अधिकारी अब तक आंख मूंदे बैठे रहे हैं।”
वन्यजीव अपराधों का केंद्र बनता औद्योगिक इलाका
सिहोरा क्षेत्र का यह औद्योगिक इलाका अब वन्यजीव अपराधों का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। लगातार मिल रहे वन्य प्राणियों के शव और शिकार की घटनाएं इस बात की गवाही दे रही हैं कि यहां औद्योगिक परछाईं में अवैध शिकारी सक्रिय हैं। वन विभाग की ओर से कहा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉग स्क्वॉड की जांच के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि तेंदुए की मौत शिकार से हुई है या किसी अन्य कारण से।
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