दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। दशहरा चल समारोह के दौरान हुई हृदयविदारक दुर्घटना के बाद गढ़ा क्षेत्र में जनाक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। शिवशक्ति दुर्गा उत्सव समिति एवं क्षेत्रीय नागरिकों ने सोमवार को गढ़ा क्षेत्र में चका जाम कर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी की।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि चेतन केवट अभी भी गंभीर रूप से घायल है, जबकि एक महिला श्वेता वर्मा की मृत्यु हो चुकी है और उसका बच्चा भी उपचाराधीन है। घायल चेतना केवट का ऑपरेशन होना है, जिसका खर्च लगभग ₹1,20,000 बताया गया है, परंतु शासन-प्रशासन की ओर से अब तक किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं दी गई है।
इसी बीच शिवशक्ति दुर्गा उत्सव समिति ने मानवता का परिचय देते हुए स्वयं आगे आकर क्यूआर कोड के माध्यम से चंदा अभियान शुरू किया। समिति के सदस्यों व स्थानीय नागरिकों ने मिलकर ₹25,553 की राशि एकत्र की, जिसे सीधे चेतन केवट के परिजनों को सौंपा गया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि गढ़ा रामलीला समिति, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन में किसकी अनुमति से वह मंच लगाया गया था, जहाँ यह हादसा हुआ — इसकी अब तक कोई जांच नहीं की गई है। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति या संस्था ने मंच लगवाया, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि जब हादसे के बाद प्रशासन को तत्काल मदद करनी चाहिए थी, तब प्रशासनिक तंत्र खामोश बैठा रहा। लोगों का कहना है जब सरकार नहीं जागी, तब समाज ने जिम्मेदारी उठाई। गढ़ा की जनता ने जो किया, वही असली मानवता का उदाहरण है। प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र में यातायात प्रभावित रहा, वहीं पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। नागरिकों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
