दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। लटकारी पड़ाव में स्थापित ‘जबलपुर की महारानी’ महाकाली का विसर्जन आज सोमवार सुबह 9:11 बजे महाआरती के बाद भटौली कुंड में एयरबूम क्रेन के माध्यम से किया गया। विसर्जन से पहले महाकाली की भव्य शोभायात्रा पड़ाव से निकलकर लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ग्वारीघाट स्थित कुंड के पास सुबह 8:19 बजे पहुंची।
पड़ाव से ग्वारीघाट तक पूरे मार्ग में घरों के बाहर भक्तजन पूजा की थाल लेकर माता की अगवानी में खड़े रहे। जुलूस से लेकर विसर्जन तक कहीं कोई व्यवधान न हो, इसके लिए भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई थी। महाकाली के विसर्जन जुलूस के पीछे एक और महाकाली का भव्य जुलूस भी चला।
महाकाली की झलक पाने के लिए सड़कों पर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग पूरी रात रतजगा करते रहे। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी कुंड तक पहुंचे। उल्लेखनीय है कि महाकाली का यह भव्य जुलूस पहली बार पूरे मार्ग में इतने श्रद्धालुओं के साथ हुआ। निर्धारित समय से लगभग 3 घंटे देरी से काफिला कुंड तक पहुंचा।
70-80 से अधिक भंडारों का आयोजन
पड़ाव से कुंड तक के मार्ग में महाकाली के भक्तों के लिए 70-80 से अधिक भंडारों का आयोजन किया गया। समाजसेवकों और अन्य लोगों ने स्वागत मंच और भंडारा का इंतजाम किया। भंडारों का आयोजन करने वाले प्रदेश के अन्य शहरों से भी जबलपुर पहुंचे थे। नगर निगम के अधिकारी और सफाई कर्मचारी सुबह 4 बजे से सक्रिय होकर सड़कों को पूरी तरह स्वच्छ कर दिया।
दशहरा जैसा महौल
महाकाली के विसर्जन जुलूस में भीड़ की अत्यधिक उपस्थिति के कारण शहर में दशहरा जैसा माहौल देखा गया। श्रद्धालु पूरी रात महाकाली के दर्शन के लिए सड़कों में आते-जाते रहे। लोगों का कहना था कि इस वर्ष भक्तों की भीड़ और पुलिस-प्रशासन की व्यवस्थाएं पहले कभी इतनी व्यवस्थित नहीं देखी गईं।


