दैनिक सांध्य बन्धु इंदौर। इंदौर की सोशल एक्टिविस्ट युवती निशिता गौर ने अपने परिजनों पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि उसके पिता ने उसे मारने के लिए कैंची तक उठा ली थी और उसे कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखकर बंधक बनाकर रखा गया।
निशिता का कहना है कि उसके माता-पिता, चाचा-चाची और मामा ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया, जादू-टोना किया और उसके साथियों को झूठे मामलों में फंसाया। युवती का नाम कुछ समय पहले इंदौर प्रेस क्लब में हुए विवादित घटनाक्रम से भी जुड़ा हुआ है।
वीडियो में निशिता ने लगाए आरोप
निशिता गौर ने बताया कि वह समाजसेवा से जुड़ी हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार जैसे मुद्दों पर काम करती हैं। लेकिन, उनके माता-पिता और परिजनों ने उनके काम का विरोध किया और उन्हें “मानसिक रूप से बीमार” बताकर महीनों तक घर में बंद रखा।
उन्होंने कहा, “मुझे हॉकी से मारने की कोशिश की गई। पापा ने कैंची उठाई, लगा कि आज मेरा आखिरी दिन है। सात दिन तक मुझे भूखा-प्यासा रखा गया। जब भी भागने की कोशिश की, गार्ड और पिता ने पकड़कर घर में पटक दिया।”
निशिता का दावा है कि पुलिस ने वन स्टॉप सेंटर भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन वहां जबरन साइन कराकर फिर से घर ले जाया गया। बाद में उसे रिहैब सेंटर और मनोचिकित्सकों के पास ले जाकर भारी दवाएं दी गईं, जिनसे वह 12–15 घंटे सोई रहती थीं।
युवती ने यह भी कहा कि उसने कई अधिकारियों और महिला आयोग से शिकायत की है। उसका आरोप है कि परिजनों ने उसके खिलाफ “सेक्स रैकेट” जैसी झूठी खबरें तक प्रकाशित करवाईं ताकि उसकी छवि खराब की जा सके।
यह मामला उस विवाद से भी जुड़ा है जब 24 जुलाई को निशिता गौर और उसके सहयोगी सौरभ बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की कोशिश की थी। उस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोनों के साथ मारपीट की और उनके चेहरों पर कालिख पोत दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को सेंट्रल कोतवाली ले जाकर पूछताछ की थी।
सौरभ बनर्जी पत्रकार हैं और पहले फ्री प्रेस व ग्लोबल हेराल्ड अखबार में काम कर चुके हैं। वर्तमान में वे ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं।
इस पूरे मामले की शुरुआत देवास जिले के बरोठा थाना क्षेत्र से हुई, जहां हिंदूवादी संगठनों ने 23 जुलाई को पुलिस को शिकायत दी थी कि जंगल क्षेत्र में 8 युवक और 2 युवतियां संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि उन्होंने एक स्थानीय व्यक्ति की जमीन किराए पर लेकर वहां टपरी बनाकर रहना शुरू किया था।
पुलिस जांच जारी
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। निशिता गौर ने कहा है कि उसे अपनी जान का खतरा है और वह अपने काम व आज़ादी से जीने के अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
