दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। विश्व प्रसिद्ध चौसठ योगिनी मंदिर में देर रात चोरी की कोशिश की गई। अज्ञात चोरों ने कलचुरी काल के प्राचीन लकड़ी के दरवाजे को किसी धारदार औजार से काटने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके।
लाखों की कीमत वाली दुर्लभ प्रतिमाओं पर थी नजर
मां नर्मदा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर हजारों साल पुराना है और इसकी गणना देश की अनमोल धरोहरों में होती है। मंदिर परिसर में कलचुरी काल की बेशकीमती प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों में आंकी जाती है। मंदिर में भगवान शिव-पार्वती की ऐसी दुर्लभ प्रतिमा विराजमान है जिसमें वे नंदी पर सवार हैं — ऐसी प्रतिमा विश्व में और कहीं नहीं पाई जाती।
गार्ड के अनुपस्थित रहने का उठाया फायदा
स्थानीय लोगों के अनुसार, चोरी का प्रयास उस वक्त हुआ जब पास में नर्मदा महोत्सव चल रहा था और मंदिर चौकीदार कार्यक्रम देखने चला गया था। इसी दौरान चोरों ने मौका पाकर मंदिर के मुख्य दरवाजे को काटने की कोशिश की। दरवाजे पर आरी जैसी किसी धारदार चीज़ से बने निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, दरवाजा न कट पाने के कारण चोरों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
पहले भी हो चुकी है चोरी
कुछ साल पहले भी इसी मंदिर से शिव-पार्वती की एक दुर्लभ प्रतिमा चोरी हुई थी, जो अब तक बरामद नहीं हो सकी है। इसके बावजूद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया।
सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और एक विशेष निगरानी समिति का गठन किया जाए ताकि सुरक्षा पुख्ता की जा सके। पुरातत्व विभाग के अनुसार, प्रतिमाओं और दरवाजे की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता अमूल्य है।
जांच शुरू, सुरक्षा खामियां दूर करने के निर्देश
शिवाकांत बाजपेयी, अधीक्षण पुरातत्वविद् (जबलपुर मंडल) ने बताया कि दरवाजे पर काटने के स्पष्ट निशान मिले हैं। जांच के लिए टीम को मौके पर भेजा गया और रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मंदिर की सुरक्षा में पाई गई खामियों को दूर किया जाएगा।