Jabalpur News: गौरहा के जंगल में मृत मिला तेंदुआ, वन विभाग में हड़कंप, कारणों की जांच जारी

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। आज मंगलवार की सुबह सिहोरा वन परिक्षेत्र के गौरहा-गंजताल रोड पर चितावर माता मंदिर के पास एक तेंदुए का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने सड़क किनारे मृत तेंदुए को देखा और तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही डीएफओ सहित पूरी वन टीम मौके पर पहुंची और इलाके को रिस्ट्रिक्टेड जोन घोषित कर दिया गया।

वन विभाग ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए और शहडोल से डॉग स्क्वॉड टीम को भी मौके पर बुलाया गया है ताकि घटना की बारीकी से जांच की जा सके। प्रारंभिक जांच के अनुसार मृत तेंदुआ करीब आठ माह का बताया जा रहा है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसकी मौत शिकार, हादसे या आपसी संघर्ष में हुई है। विभाग ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों का खुलासा होगा।

वन मंडल अधिकारी ऋषि मिश्र ने बताया कि तेंदुए की गर्दन पर दांतों के निशान पाए गए हैं, जिससे यह आशंका है कि उसकी मौत वन्य प्राणियों के आपसी संघर्ष में हुई होगी।

गौरतलब है कि बीते 20 दिनों में यह दूसरी घटना है जब सिहोरा वन परिक्षेत्र में तेंदुए की मौत हुई है। इससे पहले 24 अक्टूबर को सरदा बीट के घुघरा क्षेत्र में करंट लगाकर तेंदुए का शिकार किया गया था। उस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी, लेकिन अब तक किसी आरोपी का पता नहीं लग पाया है।

पिछले एक महीने से मझौली तहसील के रोसरा, जोली, खदिया, डुंगरिया, गौरहा, मौसाम और देवरी गांवों में तेंदुओं की मूवमेंट देखी जा रही थी। संभावना जताई जा रही है कि मृत तेंदुआ उसी समूह का हिस्सा था।

इस बीच, स्थानीय वन अमले की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी घटनाओं को छिपाने और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए गौरहा बीट के वनरक्षक अरविंद पटेल को 15 दिनों की छुट्टी पर भेज दिया गया है, वहीं अन्य अधिकारियों और बीट गार्डों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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