अयोध्या राम मंदिर पर फहराई धर्मध्वजा, भावुक हुए PM मोदी: बोले—सदियों के घाव भर गए, अब लक्ष्य मानसिक गुलामी से मुक्ति

दैनिक सांध्य बन्धु (एजेंसी) नई दिल्ली। अयोध्या में आज इतिहास रच गया। प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों बाद राम मंदिर का शिखर धर्मध्वजा से सुशोभित हुआ। अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बटन दबाकर 161 फीट ऊंचे शिखर पर 2 किलो की केसरिया ध्वजा फहराई। ध्वजा लहराते ही PM मोदी भावुक हो उठे और हाथ जोड़कर प्रणाम किया।

ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री ने मोहन भागवत के साथ पहली मंजिल पर बने रामदरबार में पूजा-अर्चना की। इसके बाद रामलला के दर्शन किए और उनके लिए लाई गई वस्त्र-चंवर की भेंट चढ़ाई। पीएम ने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि परिसर तक डेढ़ किमी का रोड शो भी किया, जहां लोगों ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया।

कार्यक्रम में देशभर के मठों के संत उपस्थित रहे, जबकि चारों शंकराचार्य अनुपस्थित थे। शहर को 1000 क्विंटल फूलों से सजाया गया था और मंदिर परिसर में सुरक्षा की 5-लेयर व्यवस्था रखी गई। आज रामलला ने सोने और रेशम में बने पीतांबर वस्त्र धारण किए।

अपने 32 मिनट के संबोधन में PM मोदी ने कहा कि सदियों के घाव आज भर गए हैं। उन्होंने कहा कि देश को आने वाले दस वर्षों में मानसिक गुलामी की उस सोच से मुक्त करना है, जिसकी नींव 1835 में मैकाले ने रखी थी। उन्होंने कहा—“वर्षों तक भगवान राम को काल्पनिक बताया गया, लेकिन आज धर्मध्वजा भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक बनेगी।”

मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वालों की आत्मा आज तृप्त हुई होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे नए युग का शुभारंभ बताया और कहा कि पीढ़ियों की प्रतीक्षा आज साकार हुई है। उन्होंने कहा कि संघर्ष से बदहाल अयोध्या अब उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन रही है।

धर्मध्वजा के फहरते ही पूरा परिसर ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा, और अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनी।

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