Jabalpur News: जबलपुर–भोपाल हाईवे पर पुल धंसाव, एक लेन से चल रहा ट्रैफिक, हादसों का खतरा बढ़ा

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर–भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग-45 पर बना फोरलेन मार्ग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शहपुरा के समीप बने पुल में बारिश के बाद हुए धंसाव के चलते प्रशासन ने एहतियातन ब्रिज के दोनों ओर करीब एक किलोमीटर तक का रास्ता बंद कर दिया है। फिलहाल भोपाल–जबलपुर मार्ग पर वाहनों को एक ही लेन से निकाला जा रहा है, जिससे रोजाना हजारों वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

करीब पांच साल पहले बने इस फोरलेन पुल में आई तकनीकी खामी के बाद स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार विभागों पर सवाल खड़े किए हैं। पुल के एक हिस्से में धंसाव आने के बाद प्रशासन और एमपीआरडीसी ने तत्काल कदम उठाते हुए पुल के नीचे जैक-रॉड और पिलरों का अस्थायी सपोर्ट लगाया और मरम्मत कार्य शुरू कराया।

हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि भोपाल की ओर जाने वाली लेन पर मरम्मत कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है। बीते करीब दो महीनों से सुधार कार्य जारी होने के बावजूद अब तक स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है। एक लेन से यातायात संचालन के कारण यहां दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ है।

रात-दिन हो रही दुर्घटनाएं, बड़ा हादसा टलने की दुआ

स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यह पुल घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। वन-वे मार्ग पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ने से दिन-रात दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिस लेन से यातायात चालू किया गया है, वहां भारी वाहनों को अस्थायी जैक-रॉड और पिलरों के सहारे निकाला जा रहा है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका जताई जा रही है।

मेंटेनेंस एमपीआरडीसी के जिम्मे

जानकारी के अनुसार यह सड़क एनएचएआई की है, लेकिन जबलपुर से शहपुरा के आगे तक का हिस्सा एमपीआरडीसी के कार्यक्षेत्र में आता है और इसका मेंटेनेंस भी एमपीआरडीसी के जिम्मे है। जब इस संबंध में एमपीआरडीसी अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने यह कहकर जवाब देने से बचते नजर आए कि संबंधित अधिकारी भोपाल में हैं।

फरवरी 2026 तक कंपनी की जिम्मेदारी

राष्ट्रीय राजमार्ग-45 के तहत जबलपुर–हिरण नदी मार्ग खंड के फोरलेन निर्माण के लिए वागड़ इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (बांसवाड़ा, राजस्थान) से 19 दिसंबर 2017 को अनुबंध किया गया था।
करीब 55 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का निर्माण फरवरी 2022 में पूरा हुआ था। निर्माण एजेंसी को फरवरी 2026 तक सड़क और पुल का मेंटेनेंस करना है।

एमपीआरडीसी को सितंबर 2025 में पुल की समस्या की जानकारी मिलने के बाद ट्रैफिक को दूसरे लेन में डायवर्ट किया गया और सीआरआरआई से तकनीकी सलाह लेकर मरम्मत कार्य शुरू करवाया गया। वर्तमान में यह सुधार कार्य वागड़ इंफ्रा द्वारा किया जा रहा है।

फिलहाल स्थानीय लोग जल्द से जल्द स्थायी समाधान और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि किसी बड़े हादसे से पहले हालात सामान्य हो सकें।

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