दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। भोपाल मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए नियमों और पाबंदियों की विस्तृत सूची जारी कर दी गई है। मेट्रो में थूकने पर जुर्माना लगेगा, बिना वजह इमरजेंसी बटन दबाने पर 10 हजार रुपए तक का दंड देना होगा, वहीं यात्रियों को दो बोतल शराब ले जाने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन शर्त यह है कि बोतलें पूरी तरह सीलबंद हों।
भोपाल मेट्रो में यात्री अपने पालतू पशु-पक्षियों के साथ यात्रा नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल, हथियार, खुले बीड़ी-सिगरेट, माचिस या लाइटर, गुटखा, तंबाकू और सूखा नाश्ता ले जाने पर भी रोक रहेगी। मोबाइल और स्मार्ट वॉच की अनुमति है, लेकिन ड्रोन, सैटेलाइट फोन, रेडियो संचार उपकरण और कैमरा ले जाना प्रतिबंधित किया गया है। संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति, मानसिक रूप से असंतुलित, नशे में धुत या असंयमी यात्री मेट्रो में सफर नहीं कर सकेंगे।
मेट्रो में सामान के वजन की भी सीमा तय की गई है। यात्री अधिकतम 25 किलो तक का सामान ही अपने साथ ले जा सकेंगे। हालांकि, तीरंदाजी, मार्शल आर्ट, तलवारबाजी या ननचाकू जैसे खेल उपकरण सक्रिय खिलाड़ी या संबंधित संचालक की अनुमति से ढककर या पैक कर ले जाने की छूट दी गई है।
करीब सात साल बाद शुरू हुई भोपाल मेट्रो के साथ शहर देश का 26वां मेट्रो शहर बन गया है। रविवार को पहले ही दिन लगभग 6 हजार यात्रियों ने मेट्रो में सफर किया। फिलहाल मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर सुभाष नगर से एम्स तक है, जिसमें सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी और एम्स सहित कुल आठ स्टेशन शामिल हैं। सभी स्टेशनों और मेट्रो कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश की एक निजी कंपनी के करीब 250 गार्ड तैनात किए गए हैं, हालांकि शुरुआती दिनों में कुछ यात्रियों ने गार्ड्स के व्यवहार को लेकर शिकायत भी की है।
मेट्रो प्रशासन के अनुसार, मेट्रो या स्टेशन परिसर में थूकने पर 200 रुपए का जुर्माना लगेगा। बिना टिकट यात्रा करने पर पूरे रूट का किराया और इसके अलावा 50 रुपए अतिरिक्त देना होंगे। बेवजह इमरजेंसी बटन दबाने पर 200 से 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यात्री मेट्रो स्टेशन या ट्रेन के भीतर किसी प्रकार का प्रदर्शन, तोड़फोड़, दीवारों पर लिखना या चस्पा करना, अनधिकृत सामान बेचना या आपत्तिजनक सामग्री ले जाना नहीं कर सकेंगे।
नियमों के उल्लंघन पर मेट्रो रेलवे (परिचालन और अनुरक्षण) अधिनियम 2002 के तहत जुर्माना और सजा का प्रावधान है। स्टेशन मास्टर, कंट्रोलर और असिस्टेंट कंट्रोलर को जुर्माना वसूलने का अधिकार दिया गया है। यदि कोई यात्री जुर्माना जमा नहीं करता है तो उसे पुलिस के हवाले भी किया जा सकता है।
Tags
madhya pradesh
