मुकुल की नाबालिग गर्लफ्रेंड को एक दिन पहले ही हरिद्वार से पकड़ा गया था, लेकिन मुकुल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने नाबालिग और उसके बॉयफ्रेंड को नेपाल में तलाशने की कोशिश की, लेकिन वे उत्तराखंड के हरिद्वार में छिपे हुए थे। आरोपी मुकुल और नाबालिग पिछले एक महीने से हरिद्वार में अलग-अलग आश्रमों में रह रहे थे। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के दौरान पकड़ा, लेकिन मुकुल मौके से भाग निकला।
हरिद्वार कोतवाली के थाना प्रभारी सतेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों आरोपी हरिद्वार में फरारी काट रहे थे और पूछताछ में उन्होंने खुद को घूमने आया बताया। जबलपुर पुलिस की टीम बुधवार शाम को हरिद्वार पहुंची और नाबालिग से पूछताछ की गई।
सिविल लाइन थाने में रोजाना की तरह पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे जब मुकुल ने थाने में प्रवेश किया। उसने पुलिस से कहा कि वह इंस्पेक्टर से मिलना चाहता है। पुलिसकर्मियों ने उसकी पहचान पूछी तो मुकुल ने बताया कि वह वही है जिसने 15 मार्च को राजकुमार और तनिष्क की हत्या की थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुकुल सिंह और उसकी नाबालिग गर्लफ्रेंड ने राजकुमार और तनिष्क की हत्या के बाद हरिद्वार को अपना ठिकाना बनाया। वारदात के 75 दिन बाद 28 मई को नाबालिग को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन मुकुल भागने में कामयाब रहा। हालांकि, उसने अंततः आत्मसमर्पण कर दिया और अब पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी है।