दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट पर हुए हादसे की जांच के लिए मुंबई से विशेषज्ञों की एक टीम आज दोपहर जबलपुर पहुंचेगी। 27 जून की सुबह चंद घंटे की बारिश में एयरपोर्ट की कैनोपी (कृत्रिम छत) फट गई, जिससे भारी पानी एक कार पर गिरा और कार में बैठे ड्राइवर को गंभीर चोटें आईं। इस घटना ने जबलपुर से दिल्ली तक हलचल मचा दी है, जिसके बाद उड्डयन मंत्रालय के निर्देश पर यह जांच की जा रही है।
इस एयरपोर्ट का 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल लोकार्पण किया था। साढ़े चार सौ करोड़ की लागत से बने इस एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। टर्मिनल के बाहर कैनोपी लगाने पर एक करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी, जिसे दिल्ली की के.जी.एन कंपनी ने बनाया था। मामूली बारिश भी झेलने में असमर्थ इस कैनोपी के फटने से अब निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
27 जून को इंदौर में पदस्थ आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर बालामूर्ति कृष्णा को लेने के लिए कार चालक अभिषेक एयरपोर्ट पहुंचा। एमपी 20 जेड सी 5496 नंबर की कार पोर्च में खड़ी थी जब कैनोपी फट गई और भारी मात्रा में पानी कार की छत पर गिरा। इस हादसे में कार की छत, आगे-पीछे के कांच और दरवाजे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। साथ ही, ड्राइवर अभिषेक को भी चोटें आईं।
एयरपोर्ट प्रबंधन ने कैनोपी बनाने वाली के.जी.एन कंपनी को जांच के लिए बुलाया है। कंपनी ने निर्माण के बाद पांच साल तक कैनोपी के रखरखाव का जिम्मा भी लिया है। विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी कि पानी की निकासी पर्याप्त क्यों नहीं हुई और यह हादसा कैसे हुआ। इस जांच की रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपी जाएगी।
एयरपोर्ट प्रबंधन ने कार मालिक को हुए नुकसान की भरपाई की बात कही है। कैनोपी के तकनीकी पहलुओं और डिजाइन की भी जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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