दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। अमित खम्परिया, जो मूलत: उमरिया जिले के टिकुरी गांव का रहने वाला है, अपने पिता अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी के साथ वन विभाग में काम करते हुए एक सामान्य जीवन जी रहा था। लेकिन 2009 में जब वह उमरिया छोड़कर जबलपुर में अपने मामा प्रकाश खम्परिया के पास आकर रहने लगा, तब से उसकी जिंदगी में बदलाव आना शुरू हुआ।
प्रकाश खम्परिया के सहयोग से अमित ने टोल टैक्स का धंधा शुरू किया और मंडला जिले में खटिया थाना क्षेत्र में टोल का ठेका लिया। इस धंधे में उसने और उसके गुर्गों ने पर्यटकों से अवैध वसूली शुरू कर दी। पहली एफआईआर 2010 में जबलपुर के भेड़ाघाट थाने में दर्ज हुई, जिसमें उस पर हत्या का प्रयास, मारपीट और बलवा के आरोप लगे।
पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए अमित ने अपने नाम के साथ खम्परिया सरनेम जोड़ लिया और नए दस्तावेज बनवा लिए। इससे उसे पुलिस से बचने में आसानी हुई। लेकिन अमित की ठगी और धोखाधड़ी की आदतें यहीं नहीं रुकीं।
अमित के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हुए। 22 सितंबर 2021 को उसे और उसके पिता व मौसा को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई। गिरफ्तारी से बचने के लिए अमित ने निर्दोष लोगों को जेल भिजवा दिया, जिसमें कोमल प्रसाद पांडे भी शामिल थे। कोमल कोमल ने बताया कि उसे जबरन दस्तखत करवा कर जेल भेजा गया।
अमित को 2022 में गिरफ्तार किया गया, लेकिन हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया। अमित ने अपनी गिरफ्तारी के बाद जेल में भी अपनी चालबाजियों से कई निर्दोषों को फंसाया और खुद फरार हो गया।
अमित ने टोल प्लाजा में पार्टनर बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की। कई रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायियों को ठग कर उसने बड़ा मुनाफा कमाया। जनवरी 2024 में सचिन गुप्ता और घनेंद्र सिंह को 1.21 करोड़ की ठगी का शिकार बनाया। फरवरी 2022 में सचिन गुप्ता को 48 लाख की ठगी की। अप्रैल 2022 में गोपीकृष्ण माहेश्वरी को 2 करोड़ की ठगी की।
अमित की गिरफ्तारी पर अब तक कुल 60 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही है। मई 2024 में कोर्ट ने उसकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया।
अमित खम्परिया की कहानी टोल ठेकेदार से एक शातिर नटवरलाल बनने की है। उसकी चालबाजियों और धोखाधड़ी की घटनाओं ने कई निर्दोषों को जेल की सजा भुगतनी पड़ी और करोड़ों रुपए की ठगी हुई। पुलिस और न्यायालय अब भी उसकी तलाश में हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है।