दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। एमिटी यूनिवर्सिटी में बी फार्मा के छात्र आदित्य प्रताप राजपूत की मौत के बाद छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। चार दिनों से सैकड़ों छात्र अपने साथी को न्याय दिलाने के लिए यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मेडिकल लीव देने और फार्मेसी विभाग की HOD को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।
डीडी नगर निवासी 22 वर्षीय आदित्य राजपूत एमिटी यूनिवर्सिटी में बी फार्मा के सातवें सेमेस्टर में पढ़ रहे थे। पिछले सात दिनों से वह बीमार थे और लगातार मेडिकल लीव की मांग कर रहे थे, जिसे यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने अनसुना कर दिया। 22 सितंबर को उनकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही थीं और स्थिति गंभीर होती जा रही थी। रात 9 बजे आदित्य की मौत हो गई। इस घटना से छात्रों में गहरा आक्रोश फैल गया।
छात्रों का कहना है कि आदित्य डेंगू से पीड़ित थे, लेकिन इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ने उन्हें मेडिकल लीव नहीं दी। साथ ही, फार्मेसी विभाग की HOD पर दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया गया है। छात्र मांग कर रहे हैं कि HOD को उनके पद से हटाया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
एमिटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वीके शर्मा ने छात्रों से बातचीत की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। जो भी निर्णय कमेटी द्वारा लिया जाएगा, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, HOD को तुरंत हटाना संभव नहीं है और नियमों के तहत ही सभी कदम उठाए जाएंगे।
छात्रों का प्रदर्शन अभी भी जारी है और यूनिवर्सिटी के बाहर गहमागहमी का माहौल बना हुआ है।