दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आज अरविंद केजरीवाल जंतर-मंतर पर जनता की अदालत में पहुंचे हैं। अरविंद केजरीवाल जनता की अदालत को संबोधित किया। जनता की अदालत में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी बात रखी। केजरीवाल ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि वो जनता की अदालत में जाएंगे। केजरीवाल ने कहा था कि वे सीएम की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र देगी। जनता की अदालत में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिश, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, संगठन मंत्री संदीप पाठक, विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला, मनीष सिसोदिया, विधायक दुर्गेश पाठक, दिलीप पांडे भी पहुंचे हैं। जनता को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत कमाई है। आज जब मैंने इस्तीफा दिया है, कुछ दिन में मैं मुख्यमंत्री आवास खाली कर दूंगा, आज दिल्ली में मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है। मैंने दस साल में केवल आपका आशीर्वाद कमाया है।
मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सत्ता का लालच, सीएम की कुर्सी की भूख नहीं है, मैं पैसे कमाने नहीं आया, पैसे कमाने होते तो मैं इनकम टैक्स की नौकरी करता था, उसमें करोड़ो रुपए कमा लेता बल्कि हम तो देश के लिए आए थे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। मेरे नेताओं को जेल भेजा गया। मैं देश बदलने के लिए आया हूं, मैं कुछ गलत करने नहीं आया। हमें चुनौती दी गई। चुनाव लड़ लो। 2013 में ईमानदारी से चुनाव लड़े। लोग कह रहे थे। उनकी जमानत जब्त होगी। लेकिन पहली बार में ही सरकार बना दी। सरकार बनने के बाद दिल्ली में बिजली, पानी, बस यात्रा फ्री, बच्चों की शिक्ष सब को फ्री कर दिया। भाजपा
को लगा कि अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचारी घोषित कर दो। उन्होंने हमारे पार्टी के बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया। जैसे ही नवरात्र आएंगे मैं घर छोड़ दूंगा। आप में से किसी के घर ही आ कर रहूंगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे सबसे कठिन कानून पीएमएलए एक्ट के तहत फंसाया। लोगों ने बताया कि यह बहुत लंबा चलेगा। तब मैंने यह सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊंगा। मैं भ्रष्टाचार के दाग के साथ जी ही नहीं सकता। मैं दिल्ली की जनता से पूछना चाहता हूं कि अगर मैं बेईमान होता तो क्या मैं दिल्ली में बिजली फ्री कर पाता।
झाडू का बटन दबाने से पहले वोटर भगवान का नाम लेता है
आने वाला चुनाव मामूली नहीं है, ये केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है। ईमानदार लगता हूं तो ही वोट देना। ये झाडू अब चुनाव चिन्ह नहीं है, ये आस्था का प्रतीक है। जब एक आदमी वोट डालने जाता है और झाडू को बटन दबाता है तो आंख बंद करके पहले भगवान का नाम लेता है। सोचता है कि ईमानदार सरकार बनाने जा रहा है। आपके बीच आया हूं कि क्या केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं। ये आपको तय करना है।