दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। हाईकोर्ट में अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म "इमरजेंसी" के खिलाफ आज सुनवाई होगी। जबलपुर और इंदौर के सिख समुदाय द्वारा दायर जनहित याचिका में फिल्म पर बैन लगाने की मांग की गई है। इस याचिका की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच करेगी।
सिख समुदाय के सदस्यों ने याचिका में आरोप लगाया है कि फिल्म में सिखों को गलत तरीके से चित्रित किया गया है। याचिका के अनुसार, फिल्म में सिखों को वीभत्स और खतरनाक रूप में दिखाया गया है और इसे बैन किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि फिल्म के सर्टिफिकेट को कैंसिल किया जाए और इसे रिलीज से पहले इंदौर और जबलपुर के सिख पदाधिकारियों को दिखाया जाए।
फिल्म "इमरजेंसी" 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट नरेंद्र पाल सिंह रूपराह ने बताया कि पहले फिल्म को लेकर लीगल नोटिस दिया गया था, लेकिन जब कंगना रनौत और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया, तो जनहित याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर की गई।
कंगना रनौत ने बताया कि उनकी फिल्म "इमरजेंसी" की रिलीज पर अचानक रोक लगा दी गई है। CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने पहले फिल्म को क्लियर किया था, लेकिन अब सर्टिफिकेशन पर रोक लगा दी गई है। कंगना ने कहा कि यह रोक धमकियों के कारण लगाई गई है।
शुक्रवार को जबलपुर में सिख समुदाय के सैकड़ों लोगों ने रैली निकालकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म सिख समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए फिल्म पर रोक लगाने की मांग की।
हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान यह तय होगा कि फिल्म "इमरजेंसी" पर बैन लगेगा या इसे रिलीज की अनुमति दी जाएगी। सिख समुदाय की मांग है कि फिल्म की रिलीज पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।