मामले की गंभीरता तब बढ़ गई जब युवक के परिजन और उनके साथ गए लोगों की भीड़ उग्र हो गई। इस संबंध में हादसे में घायल डॉक्टर उज्जवल गुप्ता ने बताया कि 28 अगस्त से बीजेपी कार्यकर्ता चंदे के नाम पर उनसे लगातार बदसलूकी कर रहे थे। 30 अगस्त को इस घटना ने और अधिक उग्र रूप ले लिया।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ता राम मिश्रा और पार्षद राकेश यादव के लोग लंबे समय से अस्पताल के स्टाफ को परेशान कर रहे हैं। 28 अगस्त की रात, ये लोग चंदे के नाम पर 20 से 25 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। जब उन्हें बताया गया कि अस्पताल के पास इतना कैश नहीं है, तो उन्होंने गाली-गलौच और बदसलूकी की।
डॉ. गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले, जब नगर निगम ने इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, तब पार्षद राकेश यादव ने उन लोगों को भड़काया जो शुक्रवार रात अस्पताल में तोड़फोड़ कर रहे थे। इसके अलावा, राम मिश्रा और पार्षद यादव के समर्थक कई बार अस्पताल में स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत कई बार पुलिस को डायल 100 पर की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस पूरे मामले को लेकर पुलिस और स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।