दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ एनएसयूआई ने आज जबलपुर में एक बड़ा आंदोलन किया। पूर्व जिला अध्यक्ष सागर शुक्ला और अदनान अंसारी के नेतृत्व में एनएसयूआई ने कुलगुरु को ग्यारह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।
मुख्य मांगें
1. कर्मचारी बर्खास्तगी: विश्वविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेंद्र कुशवाहा को सेवा से बर्खास्त करने की मांग की गई। यह कर्मचारी पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों में रहा है।
2. पीएचडी प्रवेश परीक्षा: पीएचडी प्रवेश परीक्षा को UGC नियमों के अनुसार आयोजित करने की मांग की गई।
3. सुरक्षा व्यवस्था: विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए पूर्व सैनिकों की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया गया।
4. नवीन पाठ्यक्रम: रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों की शुरुआत और पूर्व में प्रकाशित शोध पत्र "विश्लेषण" को पुनः प्रकाशित करने की मांग की गई।
5. प्रवेश प्रकोष्ठ और मैन पावर ऑडिट: प्रवेश प्रकोष्ठ का गठन और मैन पावर ऑडिट की मांग की गई।
6. सूचना की प्रदर्शनी: विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवश्यक सूचनाओं का प्रदर्शन सुनिश्चित करने की मांग की गई।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।
थाने में पीड़ित यूसुफ के बयान दर्ज करने के दौरान महिला एसआई द्वारा मारपीट की घटना को लेकर थाने में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। वकीलों और जिला बार संगठन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने थाने में जाकर मामले की जांच की मांग की है।
एनएसयूआई के सागर शुक्ला और अभिषेक सेठी ने बताया कि विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में अवैध रूप से भीड़ इकट्ठा रहती है, जिससे छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ज्ञापन में एनएसयूआई के सागर शुक्ला, अदनान अंसारी, अभिषेक सेठी, एजाज अंसारी, प्रतीक गौतम, सक्षम यादव, सैफ मंसूरी, सैफ अली, अंकित कोरी, आयुष गौतम, अनुराग शुक्ला और वकार खान प्रमुख रूप से शामिल थे।