दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पिछले दिनों जबलपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा शहर में यात्री बसों के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था। आदेश के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप सेंडे ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अब शहर में नो एंट्री क्षेत्रों में कोई भी भारी वाहन, खासकर यात्री बसें, प्रवेश नहीं कर सकेंगी। लेकिन इसके बावजूद आज भी ये बसें बेखौफ होकर नो एंट्री क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं, जिससे जाम और दुर्घटनाओं की स्थिति बनी हुई है।
दीन दयाल चौक बस टर्मिनल के बावजूद बसों का शहर में प्रवेश
शहर में आने वाली बसों के लिए दीन दयाल चौक में एक सर्वे सुविधा युक्त बस टर्मिनल भी बनाया गया है, जहां शहर से आने वाली बसों के लिए सुगम मार्ग है। बावजूद इसके, सुबह से लेकर रात तक नो एंट्री में बसों का आना-जाना जारी है, जो शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों और चौराहों पर जाम की स्थिति उत्पन्न कर रहा है।
प्रभावी कार्यवाही की कमी से बढ़ते हौसले
नो एंट्री में नियमों की अवहेलना का मुख्य कारण पुलिस और आरटीओ विभाग के बीच कथित मिलीभगत है, जिसके चलते बस संचालकों के हौसले बढ़े हुए हैं। इसके अलावा, कई बस संचालकों का राजनीतिक प्रभाव भी है, जिसके कारण उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नहीं हो रही है।
शहर की सड़कों पर बढ़ती समस्याएं
सबसे अधिक परेशानियां शहर के विजय नगर, राइट टाउन, स्नेह नगर और गोरखपुर क्षेत्र में देखी जा रही हैं, जहां बसें रोजाना अपनी धमा चौकड़ी मचाती हैं। खासकर विजय नगर क्षेत्र में जहां स्कूलों की संख्या अधिक है, दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, मदनमहल और रसल चौक क्षेत्र भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
आदेश का पालन मात्र कुछ दिनों तक
पूर्व पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि रायपुर से आने और जाने वाली बसें गौर एकता चौक से होते हुए पाटन बायपास और दीनदयाल चौराहा स्थित बस टर्मिनल तक पहुंचेंगी। इसी तरह, कुंडम से आने और जाने वाली बसों को महाराजपुर और करोंदा बाइपास से होकर बस टर्मिनल भेजा जाएगा। लेकिन यह आदेश मात्र कुछ दिनों तक प्रभावी दिखाई दिया, उसके बाद नियमों की अवहेलना फिर से बढ़ गई।