Jabalpur News: फर्जी दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराने वाले गिरोह का भांडाफोड़, 25 लाख के 21 वाहन जप्त, तीन गिरफ्तार

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए वाहनों को फाइनेंस कराने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। कार्रवाई में गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और लगभग 25 लाख रुपए कीमत के 21 दोपहिया वाहन जप्त किए गए।

एसटीएफ के विशेष पुलिस महानिदेशक, पंकज कुमार श्रीवास्तव ने संगठित अपराध में लिप्त आरोपियों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के तहत पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजेश सिंह भदौरिया और एआईजी नवीन कुमार चौधरी के मार्गदर्शन में निरीक्षक निकिता शुक्ला और उनकी टीम ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए अभियान चलाया।

गिरोह सीधे-साधे लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज लेकर फर्जी कागजात तैयार करता था। इन कागजातों का इस्तेमाल कर वाहनों को फाइनेंस कराया जाता था। जप्त वाहनों को सिवनी और अन्य ग्रामीण इलाकों में ऊंचे दामों पर बेच दिया जाता था।

रांझी निवासी गीता कुशवाहा की शिकायत के आधार पर इस गिरोह की गतिविधियों का खुलासा हुआ। गीता ने बताया कि लोन दिलाने के नाम पर गिरोह ने उनके दस्तावेज लिए और उनका दुरुपयोग कर वाहन फाइनेंस करवा लिए।

मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने गिरोह के मुख्य सदस्य प्रशांत कुशवाहा को जबलपुर रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया। उसके बयान के आधार पर इंद्रजीत कुशवाहा और प्रवीण सोनी को भी पकड़ा गया। एसटीएफ ने जांच के दौरान 21 दोपहिया वाहन और फर्जी दस्तावेज बरामद किए।

गिरफ्तार आरोपियों का विवरण

1. प्रशांत कुशवाहा (रांझी): दलाली के जरिए वाहन फाइनेंस कराने में लिप्त।

2. इंद्रजीत कुशवाहा (रांझी): लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज एकत्र करता था।

3. प्रवीण सोनी (धनौरा): फाइनेंस किए गए वाहनों को ग्रामीण इलाकों में ऊंचे दामों पर बेचता था।

जांच में पता चला कि कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों के एजेंट भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं। एसटीएफ इन एजेंटों और वाहन फाइनेंस प्रक्रिया में छद्म बनकर पहुंचने वालों की भी तलाश कर रही है।

प्रवीण सोनी, जो धनौरा में एक ज्वेलर्स शॉप संचालित करता है, फर्जी दस्तावेजों से वाहन खरीदने के लिए डाउन पेमेंट करता था। वह महंगे दामों पर वाहनों को ग्रामीण इलाकों में बेचता था।

एसटीएफ गिरोह के अन्य सदस्यों और इसमें शामिल एजेंटों का पता लगा रही है। गिरोह की संपत्ति और फर्जी दस्तावेजों की गहन जांच के साथ अन्य पीड़ितों को पहचानने की कोशिश की जा रही है।

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