दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नगर अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर इन दिनों संगठन और सत्ता के बीच असमंजस का माहौल है। भाजपा के नगर अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जबलपुर में पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस पद का जिम्मा किसे सौंपा जाएगा। संगठन के अंदर चल रही अंदरूनी रार और विभिन्न नेताओं के दावों के बीच एक नई स्थिति सामने आ रही है, जिसके चलते किसी महिला को इस पद के लिए नियुक्त किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संगठन और सत्ता के बीच सहमति ना बनने के कारण अध्यक्ष का नाम अभी तक तय नहीं हो पाया है। भाजपा की सूची भी एक तरह से टलती जा रही है, जिससे इस पद के लिए महिला नेत्रियों के नाम तेजी से चर्चा में आए हैं। इन महिला नेताओं में प्रमुख नाम भाजपा नेत्री और पूर्व महापौर स्वाती गोडबले का है, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता सदानंद गोडबले की पत्नी हैं।
इसके अलावा, भाजपा नेत्री प्रीति बाजपेयी, जो जेडीए उपाध्यक्ष रह चुकी हैं और और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. भगवती धर बाजपेयी की पुत्रबधु हैं, श्रीमति बाजपेयी का नाम भी नगर अध्यक्ष के पद के लिए चर्चाओं में है। इसके अतिरिक्त, लवली आनंद, जो दूसरी बार पार्षद हैं और अपनी तेजतर्रार छवि के लिए जानी जाती हैं, इसके अतिरिक्त पार्षद रेणु कोरी का भी नाम चर्चा में है, जो अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती हैं। इन महिला नेताओं के नामों के बीच भाजपा संगठन के भीतर जातिगत समीकरण भी अध्यक्ष पद के लिए महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा इस बार ब्राह्मण वर्ग के भीतर जातिगत संतुलन बनाने के लिए महिला नेत्री को नगर अध्यक्ष बनाने पर विचार कर सकती है। महिलाओं के साथ-साथ कुछ पुरुष दावेदारों के नाम भी नगर अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में हैं। इन नामों में भाजपा नेता अखिलेश जैन, राजेश मिश्रा, सदानंद गोदबोले, कमलेश अग्रवाल, संदीप जैन, पंकज दुबे, अभय सिंह, शरद अग्रवाल, पवन तिवारी और अन्य नेता शामिल हैं। भाजपा में विभिन्न जातियों और वर्गों का संतुलन बनाए रखने के लिए ये नाम भी महत्वपूर्ण हैं।
विशेष रूप से, जबलपुर में वैश्य समाज, जिसमें जैन और अग्रवाल समाज का प्रतिनिधित्व है, से किसी सक्षम और योग्य नेता को इस जिम्मेदारी को सौंपा जा सकता है। इस दौरान, भाजपा के ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए भी कई नाम चर्चा में हैं, जिनमें एक ऐसे नेता का नाम सामने आ रहा है, जिन्होंने पिछले चुनावों में क्षेत्रीय विधायक का विरोध किया था। यह नाम भाजपा के दो बड़े जनप्रतिनिधियों के बीच विवाद का कारण बन गया है।
जिस कारण निर्णय में देरी हो सकती है, और यह संभावना है कि जबलपुर की नगर अध्यक्ष पद की घोषणा और ग्रामीण अध्यक्ष पद की घोषणा दोनों को फिलहाल टाल दिया जाए। ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए आशीष पटेल का नाम भी चर्चा में है, जो पनागर क्षेत्र के भाजपा नेता हैं। लेकिन उनके खिलाफ पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिखित शिकायतें दी गई हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पार्टी के संगठन के खिलाफ काम किया है। इसके अलावा, पार्टी के भीतर कुछ अन्य नाम भी सामने आए हैं, जिनमें राजकुमार पटेल, राजेश दाहिया, संदीप शुक्ला और हरि सिंह के नाम शामिल हैं।
इस प्रकार, जबलपुर नगर और ग्रामीण अध्यक्ष के चुनाव में कई पहलू सामने आ रहे हैं, जिनमें महिला नेत्रियों की दावेदारी और जातिगत समीकरण प्रमुख हैं। भाजपा के नेता इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं और संभवतः कुछ समय में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।