दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। मेरठ में ट्रायल के रूप में लागू किया गया है, जहां बुकिंग चाहे ऑनलाइन हो या होटल में जाकर की गई हो, ग्राहकों को यह दस्तावेज दिखाना जरूरी होगा। कंपनी इस पॉलिसी को भविष्य में अन्य शहरों में भी लागू करने पर विचार कर रही है।
OYO के नॉर्थ इंडिया हेड पावस शर्मा ने बताया कि यह कदम "सेफ हॉस्पिटैलिटी कल्चर" बनाए रखने और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी पर्सनल फ्रीडम का सम्मान करती है, लेकिन इसे सभ्य समाज की जरूरतों के साथ संतुलित करना भी आवश्यक है।
मेरठ में OYO को लेकर लगातार प्रदर्शन और शिकायतें हो रही थीं। कई बार होटलों में छापेमारी की घटनाएं भी सामने आईं। इसके चलते कंपनी को अपनी छवि सुधारने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। 1 जनवरी 2025 से यह नियम मेरठ में लागू कर दिया गया है।
मेरठ में फीडबैक और शिकायतों के आधार पर यह निर्णय लिया गया। स्थानीय सामाजिक संगठनों और लोगों ने कहा था कि अविवाहित जोड़ों को OYO होटल्स में रूम न दिया जाए। इसके अलावा, अन्य शहरों से भी ऐसी मांगें सामने आई थीं।
कंपनी ने अपने पार्टनर होटल्स को विवेक के आधार पर कपल्स की बुकिंग रिजेक्ट करने का अधिकार दिया है। OYO ने यह कदम सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
2013 में रितेश अग्रवाल द्वारा शुरू की गई OYO ने सस्ते होटल्स को अपनी सेवा से जोड़कर उन्हें मुनाफा दिलाने का मॉडल अपनाया। 2024 में OYO को पहली बार मुनाफा हुआ। अब कंपनी अपनी सेवाओं को सामाजिक दृष्टिकोण से भी संतुलित कर रही है।
मेरठ में सफल ट्रायल के बाद OYO इस पॉलिसी को अन्य शहरों में भी लागू कर सकती है। कंपनी का लक्ष्य है कि उसकी सेवाएं ग्राहकों और समाज दोनों के लिए अनुकूल रहें।