दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। समरस भारत समर्थ भारत के लिये सब सबको जाने - सब सबको माने, एक अभियान के अंतर्गत समरसता सेवा संगठन द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन मुख्य अतिथि आचार्य पं रोहित दुबे मुख्य वक्ता साहित्यकार चित्रकार समाजसेवी श्रीमती अर्चना सिद्ध, विशिष्ठ अतिथि सिद्धि बाला बोस लाइब्रेरी एसोसियेशन के अध्यक्ष सुब्रत पाल, समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव उज्ज्वल पचौरी की उपस्थिति में होम साइंस कॉलेज सभागार में किया गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता श्रीमती अर्चना सिद्धू ने कहा सबको जाने और सबको माने के मर्म को जाने तो कोई किसी के लिए नया नहीं है और यदि हमे सबको जानना है तो हमे स्वयं को जानना होगा, प्रकृति को जानना होगा और ब्रह्म को जानना होगा।
जब हम स्वयं को जान लेंगे तो सबको जान लेंगे और यही स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है, आज हमारा दायित्व है कि हमने जो सीखा और जाना है उसे अपनी आगे वाली पीढ़ी को सिखाएं और उन्हे शिक्षा दे। हमे अपने वचनों से नही बल्कि अपने कृतित्व से अपने भाव व्यक्त करने होंगे तब हम देश और समाज के लिए अपनी ओर से कुछ दे पाएंगे। स्वामी विवेकानंद ने कहा था डरो नहीं आगे बढ़ो और उन्होंने यह सिर्फ युवाओं के लिए नही अपितु सभी के लिए कहा था। उन्होंने कहा अपने संस्कारों को अपनाने के पहले समझना होगा अब कहने का समय नहीं बल्कि करने का समय है इसीलिए आइए
और जो हमारे महापुरुषों ने कहा है उसे हम करके दिखाए। मुख्य अतिथि पं रोहित दुबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा गहोई दिवस और स्वामी विवेकानंद की जयंती का कार्यक्रम समरसता सेवा संगठन कर रहा है। समरसता का यह पर्व मकर संक्रांति से जुड़ा है समरसता का यह महाकुंभ से जुड़ा है जिस तरह महाकुंभ में सभी जाति वर्ग के लोग एक साथ डुबकी लगाते है यह समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा समरसता का
बीज भगवान राम ने बोया था जिसे हमने आगे बड़ाने का प्रयास भी किया पर समय काल में लोग समरसता से दूर होते गए और समाज टूट गए और भेदभाव आया किंतु आज इसकी महती आवश्यकता है। कार्यक्रम को विशिष्ठ अतिथि सुब्रत पाल ने भी इस अवसर पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की प्रस्तावना और स्वागत उद्बोधन सचिव उज्ज्वल पचौरी ने दिया। संगठन वक्ता के रूप में अभिषेक बासल मुरली ने गहोई दिवस एवं स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डॉ. बी एल रूसिया, प्रकाश शाह, योगाचार्य दिनेश सिंह ठाकुर, रूमानी राव, पंखुड़ी तनेजा, देवेंद्र मिश्रा, निधि सूरी, राहुल अवस्थी, पद्माकर तलवारे, राकेश कुरेले, जगदीश यादव, राजीव गुप्ता, विजय सुहाने, डॉ अरुण सरावगी, एड उत्तमचंद बिलैया, कमलकांत बहरे, रामगोपाल ददरिया का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजेश ठाकुर एवं आभार श्रीकान्त साहू ने व्यक्त किया।