दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम तट पर स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण महाकुंभ मेले में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना की पुष्टि मेला प्रशासन ने की है।
ऐसे मची भगदड़
रात 10 बजे से ही संगम नोज पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटने लगे थे। प्रशासन की योजना थी कि लोग शांतिपूर्वक स्नान करें और व्यवस्थित तरीके से बाहर निकलें, लेकिन अमृत बेला में स्नान करने की आस्था के चलते भीड़ बेकाबू हो गई। सभी श्रद्धालु संगम नोज पर स्नान करना चाहते थे, जिससे स्थान पर दबाव बढ़ता गया। अचानक अफरातफरी मचने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिसमें कई श्रद्धालु कुचले गए।
30 की मौत, कई की पहचान बाकी
डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भगदड़ में घायल 90 लोगों को अस्पताल ले जाया गया था, जिसमें से 30 की मौत हो गई। 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि 5 शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। घायलों का इलाज मोतीलाल मेडिकल कॉलेज में जारी है।
अफवाह और धक्कामुक्की बनी हादसे की वजह
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, भगदड़ की मुख्य वजह अफवाह और धक्का-मुक्की थी। श्रद्धालु बैरिकेड्स के पास प्लास्टिक शीट पर लेटकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और कई लोग कुचल गए। इस दौरान कुछ श्रद्धालु लापता होने की भी खबर है।
प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था
घटना के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गईं। भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ा दी गई है, वहीं बैरिकेडिंग को और मजबूत किया गया है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और स्नान के दौरान संयम बनाए रखें। वहीं, लापता लोगों की तलाश के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।