Jabalpur News: जिले के 73% स्कूलों में नहीं बनी लैब, 70 हजार छात्र IT तकनीकी ज्ञान से वंचित

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। प्रौद्योगिकी से जुड़ी शिक्षाएं शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, जब जिले के 196 स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) की लैब का निर्माण नहीं हो सका। इन लैब्स की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कंप्यूटर और तकनीकी शिक्षा से जोड़ना था, ताकि वे डिजिटल युग में दक्ष बन सकें और भविष्य में तकनीकी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकें। हालांकि, विभाग केवल 27 प्रतिशत स्कूलों में ही यह योजना लागू कर सका है, जिससे लगभग 70 हजार छात्र IT तकनीकी शिक्षा से वंचित रह गए हैं।

शिक्षा में IT का बढ़ता महत्व

कोरोना संकट के बाद, डिजिटल शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी का महत्व और बढ़ गया है। विभाग ने इस योजना के तहत 196 स्कूलों में IT लैब स्थापित करने का लक्ष्य रखा था, जिसके लिए 30 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इस योजना के तहत हर स्कूल को 10 आधुनिक कंप्यूटर सिस्टम, फर्नीचर, इंटरनेट कनेक्टिविटी, प्रिंटर, और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड जैसी सुविधाएं प्रदान की जानी थीं।

परिणामस्वरूप, छात्रों के लिए सीमित अवसर

शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना को शुरू करने के बाद तीन सालों में केवल 52 स्कूलों में IT लैब का निर्माण हो सका है। बाकी 144 स्कूलों में अब तक इस योजना पर काम नहीं हो पाया है। विशेष रूप से, तवर, आमाहिनौता, सहजपुर, जमगांव कुंडम, धनगंवा सिहोरा, पोला मझौली, कटरा बेलेखेड़ा, पाटन जैसे हायर सेकेंडरी स्कूलों में यह योजना पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि, करोंदीग्राम, टेमरभीटा, कन्या एमएलबी, मेडिकल, और कन्या बरेला जैसे कुछ स्कूलों में लैब स्थापित की जा चुकी है।

प्रशासनिक कमजोरियाँ और स्थान की कमी

इस योजना की सफलता में कई रुकावटें आई हैं। जानकारों का कहना है कि प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरी, स्कूलों में जगह की कमी, और कुछ स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा योजना में रुचि न दिखाए जाने के कारण योजना में देरी हो रही है। इसके चलते बड़ी संख्या में छात्रों को IT शिक्षा से वंचित रहना पड़ा है।

भविष्य में क्या होगा?

विभाग ने कहा कि स्कूलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। विभाग इस प्रयास में है कि हर स्कूल में IT लैब स्थापित की जाए ताकि सभी छात्र डिजिटल शिक्षा से लाभान्वित हो सकें। इसके साथ ही, सरकारी अधिकारियों का मानना है कि प्रशासनिक स्तर पर सुधार और स्कूलों में बेहतर समन्वय से इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा सकेगा।

समस्याओं के कारण काम में देरी

संजय मेहरा का कहना है कि IT लैब की स्थापना की योजना छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से की गई थी। हालांकि, कुछ व्यवहारिक समस्याओं के कारण काम में देरी हो रही है, लेकिन भविष्य में इस योजना को पूरा करने के प्रयास जारी हैं।

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