दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जबलपुर पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया ने शहर से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रश्न उठाए। इनमें डेयरी कॉलेज स्थानांतरण, जलप्लावन और ड्रेनेज सिस्टम, और सिहोरा कटरा में अवैध रेत खदान हादसा प्रमुख रहे। इन सवालों का जवाब नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राजस्व मंत्री करण सिंह, और पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने दिया।
विधायक घनघोरिया ने जबलपुर में प्रस्तावित डेयरी टेक्नोलॉजी और फूड साइंस विश्वविद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने की आशंका व्यक्त की। उन्होंने इसे जबलपुर के साथ अन्याय बताया। पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में इस विश्वविद्यालय के स्थानांतरण का कोई प्रस्ताव या सक्षम स्वीकृति नहीं है। मंत्री के जवाब पर विधायक ने चेतावनी दी कि यदि स्थानांतरण का निर्णय लिया गया तो इसे सहन नहीं किया जाएगा।
विधायक ने जबलपुर में ड्रेनेज सिस्टम की स्थिति और जलप्लावन से निपटने के लिए किए गए प्रयासों पर सवाल उठाया। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम पर कुल 364.7 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 2010 में 5 बड़े और 130 छोटे नालों को पक्का करने का कार्य आदेश दिया गया था, लेकिन यह कार्य 2017 में बंद कर दिया गया। इसके अलावा, नाले-नालियों की सफाई पर 8 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च किए गए।
सिहोरा कटरा में अवैध रेत खदान हादसे और मझगवां में ऑटो दुर्घटना पर भी चर्चा हुई। राजस्व मंत्री करण सिंह ने बताया कि मृतकों के परिजनों को तत्काल 15,000 रुपये और घायलों को 7,500 रुपये की सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये अतिरिक्त स्वीकृत किए गए।
विधायक घनघोरिया ने अनुसूचित जाति वर्ग के मृतकों को मुआवजे में 8 लाख रुपये दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि केवल 2 लाख रुपये का मुआवजा अन्यायपूर्ण है। राजस्व मंत्री ने मामले की जांच का आश्वासन दिया।
सत्र के दौरान जबलपुर से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। विधायक घनघोरिया ने स्थानीय समस्याओं और मुआवजे के विषय में सरकार को आड़े हाथों लिया। वहीं, मंत्रियों ने समस्या समाधान और जांच का भरोसा दिलाया।