दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पालतू जानवरों में खतरनाक पार्वो वायरस के संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जबलपुर के वेटरनरी अस्पताल में 8 मामलों की पुष्टि हुई है। यह वायरस मुख्य रूप से छोटे उम्र के श्वानों और बिल्लियों को प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से प्रभावित जानवरों के लिए तत्काल उपचार आवश्यक है, क्योंकि यह उनके लिए घातक साबित हो सकता है।
छोटे उम्र के जानवर सबसे ज्यादा प्रभावित
पार्वो वायरस उन पालतू जानवरों को अधिक प्रभावित कर रहा है, जिनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। ज्यादातर मामलों में 1 साल से कम उम्र के श्वान और बिल्लियां शामिल हैं। विशेषज्ञ इसे इंसानों में होने वाले रोटा वायरस के समान मानते हैं।
संक्रमण के लक्षण
वायरस से संक्रमित जानवरों में उल्टी, खून की उपस्थिति, और पानी की कमी जैसे गंभीर लक्षण देखे गए हैं। यह स्थिति जानवरों के लिए जानलेवा हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
प्रभावित क्षेत्र
जबलपुर के गोराबाज, गढ़ा, बिलहरी, और आधारताल क्षेत्रों में यह वायरस सबसे अधिक फैलता दिखा है। वेटरनरी अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए 8 मामलों में पार्वो वायरस की पुष्टि हुई है।
बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि पार्वो वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका समय पर वैक्सीनेशन है। जानवरों के मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पालतू श्वानों और बिल्लियों का नियमित टीकाकरण कराएं।