बंजर भूमि को हरा-भरा बनाने आदिवासियों को दिये जाए अधिकार
दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भारतीय सर्व जनजाति सेना द्वारा बंजर वन भूमि को हरा-भरा करने हेतु 40 साल की लीज पर निजी इन्वेस्टरों को देने के आदेश का विरोध किया है| सेना ने कहा है कि ऐसा करने से आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात होगा| इस संबंध में आदिवासियों को अधिकार दिए जाने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया है| भारतीय सर्व जनजाति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार कुलस्ते ने बताया कि म.प्र. का आदिवासी हमेशा जल जंगल को संरक्षित करने के लिये जाना जाता है। वर्तमान में म.प्र. सरकार बंजर वन भूमि को हरा-भरा बनाने हेतु प्राईवेट इन्वेस्टरों को 40 साल की लीज पर देने का आदेश किया है, जबकि वन भूमि पर उपज से आदिवासियों का जीवन-यापन होता है। जंगल की उपज जैसे तेन्दूपत्ता, अचार, हर्रा-बहेड़ा, महुआ आदि उपज आदिवासियों के जीवन यापन का आधार है। सरकार द्वारा बंजर वन भूमि को वहाँ पर निवास करने वाले आदिवासी परिवारों द्वारा बंजर वन भूमि को हरा-भरा करने हेतु संसाधान उपलब्ध करवाते हुये उपरोक्त परिवारों को वन संरक्षण करने हेतु सौंपा जाये। आदिवासियों द्वारा म.प्र. में वन भूमि पर काबिज होकर कृषि कार्य कर अपने परिवार का जीवन यापन लम्बे समय से करते चले आ रहे हैं, उन आदिवासी परिवारों को वन भूमि का अधिकार पत्र दिया जाए।
भारतीय सर्व जनजाति सेना ने मांग की है कि उपरोक्त विषयों पर गंभीरता से विचार करते हुए आदिवासी के हित में उचित व शीघ्र कदम उठाये जायें। इस अवसर पर इंद्र कुमार कुलस्ते के साथ शैलेशसिंह लोधी, राजेश प्रजापति, राजेश कोरी, आकाश यादव, निरपत चौधरी, धनराज सिंह पोसाम के साथ अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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