दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। शुक्ल को ब्राह्मण वर्ग के प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष के प्रमुख दावेदार
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में हेमंत खंडेलवाल सबसे आगे चल रहे हैं। सीएम मोहन यादव और संघ का भी समर्थन उनके पक्ष में माना जा रहा है। इसके अलावा पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, रामेश्वर शर्मा, अर्चना चिटनीस समेत कई अन्य नेता भी रेस में हैं।
प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की तैयारियां
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए 400 से ज्यादा प्रतिनिधि मतदान करेंगे।
चुनाव पर्यवेक्षक केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बनाए गए हैं।
6 या 7 फरवरी को चुनाव संभावित, अन्यथा 12 फरवरी तक टल सकता है।
क्षत्रिय नेताओं की दावेदारी कमजोर
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में क्षत्रिय वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। ऐसे में मध्यप्रदेश में इस वर्ग के नेता को मौका मिलने की संभावना कम हो गई है। अरविंद भदौरिया और बृजेन्द्र प्रताप सिंह की दावेदारी कमजोर मानी जा रही है।
आदिवासी कार्ड चला तो गजेन्द्र या फग्गन को मौका
मध्यप्रदेश में 22% आदिवासी वोटर हैं। कांग्रेस के प्रभाव को कम करने के लिए बीजेपी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। गजेंद्र सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते इस दौड़ में शामिल हैं।
दलित नेता भी रेस में
बीजेपी अंबेडकर राजनीति को ध्यान में रखते हुए दलित नेता को भी मौका दे सकती है। इस रेस में लाल सिंह आर्य और प्रदीप लारिया प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।