दिल्ली विधानसभा चुनाव: जंगपुरा में मनीष सिसोदिया की राह मुश्किल

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जंगपुरा सीट सबसे चर्चित सीटों में से एक बन गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मैदान में उतारा है, जबकि BJP ने कांग्रेस से आए तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस ने पूर्व मेयर फरहाद सूरी को टिकट दिया है। हालांकि, स्थानीय विधायक प्रवीण कुमार के काम को लेकर जनता में नाराजगी नजर आ रही है, जिससे सिसोदिया की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

AAP सरकार से संतुष्ट, लेकिन विधायक से नाराज

हजरत निजामुद्दीन दरगाह के पीछे रहने वाली सईदा कहती हैं ने कहा "मुझे किसी पार्टी से मतलब नहीं, बस काम होना चाहिए। महंगाई दूर होनी चाहिए। सरकारें असली मुद्दों से ध्यान भटका रही हैं।"

वहीं, निजामुद्दीन इलाके में निगार परवीन बताती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काम हुआ है और फ्री बस सेवा से गरीब महिलाओं को फायदा हुआ है।

लेकिन जंगपुरा के भोगल मार्केट, चर्च रोड और जल विहार इलाके में AAP विधायक प्रवीण कुमार के खिलाफ गुस्सा नजर आया। स्थानीय निवासी जयप्रकाश का कहना है, "AAP विधायक कभी झांकने तक नहीं आए। सड़कें टूटी पड़ी हैं, सीवर जाम हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।"

BJP और कांग्रेस का क्या कहना है?

BJP प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह का कहना है, "जंगपुरा में गंदे पानी की समस्या, टूटी सड़कों और सीवर जाम से लोग परेशान हैं। AAP को वोट नहीं मिलेगा।"

वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार फरहाद सूरी ने दावा किया कि, "AAP और BJP की नहीं, बल्कि कांग्रेस की जीत होगी। इलाके में बुनियादी सुविधाएं बदहाल हैं, जनता बदलाव चाहती है।"

क्या मुस्लिम वोटर्स केजरीवाल से नाराज हैं?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार AAP को मुस्लिम वोटर्स के असमंजस का सामना करना पड़ सकता है। "मुस्लिम वोटर्स सोच रहे हैं कि इस बार किसे समर्थन दें। AAP पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और 10 साल की सत्ता से एंटी-इनकम्बेंसी भी बढ़ी है।"

क्या जंगपुरा AAP के लिए सेफ सीट है?

2013 से अब तक AAP इस सीट पर मजबूत रही है, लेकिन इस बार स्थानीय विधायक के खिलाफ नाराजगी और सिसोदिया की नई सीट से एंट्री को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

जंगपुरा में BJP अभी तक नहीं जीती है, लेकिन कांग्रेस के पुराने प्रभाव और AAP के कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए मुकाबला दिलचस्प हो गया है। अब देखना होगा कि 5 फरवरी को मतदाता किसे अपना समर्थन देते हैं।

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