दैनिक सांध्य बन्धु ग्वालियर। ग्वालियर में शनिवार को पुलिस ने एक फर्जी रेप केस का पर्दाफाश किया, जिसमें हत्या के आरोपी ने जेल से ही साजिश रचकर चश्मदीद गवाह को फंसाने की कोशिश की थी।महिला
एक महिला ने घाटीगांव पुलिस थाने पहुंचकर टैक्सी चालक पर जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो कहानी में कई पेंच सामने आए। घटनास्थल और टैक्सी हायर करने के स्थान की जांच के बाद कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
जांच में पता चला कि जिस टैक्सी चालक पर आरोप लगाया गया, वह दो महीने पहले हुए एक हत्या के मामले का मुख्य गवाह था। बेलगढ़ा में 67 वर्षीय कुसुम बाई की जमीन विवाद में हत्या कर दी गई थी, जिसमें मानसिंह जाटव, नारायण प्रजापति और हाकिम प्रजापति जेल में बंद हैं। हत्या के मुख्य आरोपी मानसिंह जाटव ने जेल से ही अपने बेटे की साली को झूठा रेप केस दर्ज कराने के लिए तैयार किया था, ताकि हत्या के केस में गवाह को दबाव में लाया जा सके और राजीनामा कराया जा सके।
पुलिस को महिला की कॉल डिटेल से पता चला कि उसने घटना की सूचना देने से पहले भी पुलिस को कॉल किया था। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो महिला ने कबूल किया कि उसने झूठा आरोप लगाया था और वह बिना एफआईआर दर्ज कराए वहां से भाग गई।
महिला ने आठ दिन पहले से योजना बनाई थी। उसने प्लान के तहत टैक्सी चालक आकाश प्रजापति की गाड़ी किराए पर ली और उसे मोहना गुरुद्वारा ले गई। वहां से वह घाटीगांव के जंगल पहुंची, जहां उसने झूठी कहानी को सच साबित करने के लिए कुछ वीडियो और फोटो लिए। इसके बाद पुलिस को फोन कर झूठी घटना की सूचना दी।
पुलिस अब झूठा मामला दर्ज कराने वाली महिला पर भी कानूनी कार्रवाई करेगी। साथ ही, जेल में बंद हत्या के मुख्य आरोपी के खिलाफ साजिश रचने का मामला भी दर्ज किया जाएगा।