दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा विधायक राकेश (गोलू) शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला पर बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सिंह का कहना है कि विधायक पुत्र ने नशे की हालत में देवास स्थित माता चामुंडा टेकरी मंदिर में न सिर्फ हंगामा किया, बल्कि पुजारी से मारपीट और गोली मारने की धमकी तक दी।
घटना शुक्रवार देर रात करीब पौने एक बजे की है। जानकारी के अनुसार, रुद्राक्ष शुक्ला अपने समर्थकों के साथ दर्जनभर कारों के काफिले में देवास की प्रसिद्ध चामुंडा टेकरी मंदिर पहुंचे। मंदिर के पट बंद हो चुके थे, लेकिन शुक्ला ने पुजारी उपदेश नाथ (पिता महेश नाथ) से ताले खुलवाने की जिद की। जब पुजारी ने इनकार किया तो रुद्राक्ष और उनके समर्थकों ने गालियां दीं, धमकाया, यहां तक कि गोली मारने की धमकी भी दी गई। जब पुजारी फिर भी नहीं माने तो उनके साथ मारपीट की गई और फिर पट खुलवाकर जबरन दर्शन किए गए।
धर्म के प्रति बीजेपी का असली चेहरा उजागर : दिग्विजय सिंह
इंदौर में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह भाजपा सरकार के "धर्म के प्रति सम्मान" का असली चेहरा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मंदिरों में कार्यरत सेवकों और पुजारियों के साथ ऐसा व्यवहार दर्शाता है कि भाजपा केवल धर्म की आड़ में राजनीति कर रही है। उन्होंने बताया कि रात करीब 12:30 बजे एसडीएम और उनके पीए को फोन कर दबाव बनवाया गया कि पुजारी पट खोल दें, क्योंकि "विधायक जी के सुपुत्र आए हुए हैं।"
कांग्रेस ने बोला हमला, संत समाज भी नाराज़
इस घटना को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि यह घटना प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली और भाजपा नेताओं के बढ़ते अहंकार को दिखाती है। सुप्रिया श्रीनेत ने भी तीखा हमला बोलते हुए कहा – "क्या यही संस्कार हैं भाजपा के सनातनी नेताओं के पुत्रों के?"
पुजारी ने की शिकायत, मगर पुलिस ने साधी चुप्पी
पुजारी उपदेश नाथ ने इस घटना की शिकायत पुलिस में दी, लेकिन शुरुआत में उन्हें भगा दिया गया। बाद में जब मामला तूल पकड़ा, तब भी पुलिस ने सिर्फ औपचारिक मामला दर्ज कर लिया और बड़े आरोपों को नज़रअंदाज़ कर दिया।
यह मामला अब प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है। एक ओर जहां कांग्रेस इसे धर्म और सत्ता के दुरुपयोग का मामला बता रही है, वहीं भाजपा की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मंदिरों को भी अब सत्ता की ताकत के दम पर बंधक बनाया जाएगा?